नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने ISIS से प्रेरित एक आतंकी मॉड्यूल के सदस्य होने के संदेह में गिरफ्तार किये गये 10 लोगों को बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत के समक्ष पेश किया। इन लोगों पर राजनीतिक हस्तियों और दिल्ली में सरकारी प्रतिष्ठानों सहित उत्तर भारत के कई अन्य हिस्सों में हमले की साजिश रचने का आरोप है।
इन आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच और ढके हुए चेहरों के साथ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे की अदालत में पेश किया गया। न्यायाधीश ने मामले में बंद कमरे में सुनवाई का आदेश दिया। एनआईए ने राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर प्रदेश के विभिन्न भागों से गिरफ्तार किये गये 10 आरोपियों को पूछताछ के लिए 12 दिनों की रिमांड पर भेजा ।
17 जगह छापेमारी पर NIA का खुलासा : आतंकी हमले करने की थी योजना
बता दें कि NIA ने कल दिल्ली व यूपी में 17 स्थानों पर छापेमारी कर आतंक के बड़े गठजोड़ का भंडाफोड़ किया था। एनआईए ने इस सिलसिले में कम से कम 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन पर भीड़भाड़ वाली जगहों और राजनीतिक हस्तियों पर हमले की योजना बनाने का आरोप है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एनआईए ने ‘हरकत उल हर्ब ए इस्लाम’ नाम के नए मॉड्यूल की अपनी जांच के सिलसिले में उत्तर प्रदेश और नई दिल्ली में 17 जगहों पर छापेमारी की।
एनआईए के महानिरीक्षक (आईजी) आलोक मित्तल ने पत्रकारों को बताया कि यह मॉड्यूल अपने विदेशी आकाओं के संपर्क में था। उन्होंने कहा कि उसके विदेशी आकाओं की पहचान अब तक नहीं हो पाई है। मित्तल ने कहा कि दिल्ली के सीलमपुर इलाके, उत्तर प्रदेश के लखनऊ, अमरोहा और हापुड़ जिलों में छापेमारी की गई और बड़ी संख्या में विस्फोटक, एक देसी रॉकेट लॉंचर, 100 मोबाइल फोन और 135 सिम कार्ड बरामद किए गए। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 17 ठिकानों पर छापेमारी की गई जहां से 16 संदिग्ध हिरासत में लिए गए और उनमें से 10 को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने यह जानकारी दी कई महत्वपूर्ण लोग और नेता गिरफ्तार किए गए लोगों के निशाने पर थे।
मित्तल ने कहा, ‘‘उनकी तैयारी का स्तर दिखाता है कि वे फिदायीं हमलों को अंजाम देने वाले थे।’’ लखनऊ में उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के महानिरीक्षक (आईजी) असीम अरुण ने बताया कि एटीएस के साथ एक संयुक्त अभियान में एनआईए ने कार्रवाई को अंजाम दिया और पांच लोगों को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से पकड़ा। अधिकारियों के मुताबिक, संदेहास्पद गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद पिछले कुछ समय से एनआईए इस समूह पर नजर रख रही थी।