आज भारत के हिस्से में एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज हो चुकी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख के सिवन और अन्य वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-2 के सफलतापूर्वक लॉन्च के बाद एक दूसरे को बधाई दी। इस दौरान इसरो प्रमुख के सिवन ने पहले में आई तकनीकी खामी के बाद हम फिर से अपने रास्ते पर आ गए।
उन्होंने कहा, मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि GSLV MkIII-M1 ने सफलतापूर्वक चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश कराया। यह वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देने के लिए दक्षिण ध्रुव के पास एक स्थान पर चांद की ओर भारत की ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत है। इसरो प्रमुख ने कहा कि मैं उन सभी को बधाई देता हूं जो इसके पीछे थे।
भारत के दूसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-2’ का सोमवार को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण किया गया और करीब 16 मिनट बाद भूस्थैतिक प्रक्षेपण यान ‘जीएसएलवी मार्क ।।। एम-1’ ने इसे सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया। तीन चरणों वाले 43.43 मीटर लंबे जीएसएलवी मार्क ।।। एम-1 ने अपराह्न दो बजकर 43 मिनट पर उड़ान भरी और आसमान में छाए बादलों को चीरते हुए प्रक्षेपण के करीब 16 मिनट बाद 3,850 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।
पृथ्वी की कक्षा में स्थापित होने के साथ ही इसने भारत के महत्वाकांक्षी मिशन के पहले चरण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। इसरो ने कहा कि ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर के साथ गया चंद्रयान-2 चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने से पहले 15 महत्वपूर्ण अभियान चरणों से गुजरेगा। यान के सितंबर के पहले सप्ताह में चांद पर उतरने की उम्मीद है।