भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा अगले महीने दूसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किए जाने की संभावना है। इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हम सभी पूरी कोशिश कर रहे हैं, मिशन प्रक्षेपण फरवरी में संभव होना चाहिए।’’
सूत्रों ने कहा कि अगले महीने के मध्य में मिशन प्रक्षेपण की उम्मीद है, लेकिन अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है। अधिकारी ने कहा, ‘‘कोई बाधा नहीं है। काम सही तरह से हो रहा है।’’ चंद्रयान-2 पूरी तरह से स्वदेशी उपक्रम है जिसमें एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर होगा।
चंद्रयान-2 मिशन सोच-समझकर उठाया गया जोखिम : ISRO प्रमुख सिवन
इसरो के अनुसार लैंडर चंद्रमा की सतह पर एक निर्दिष्ट स्थान पर उतरेगा और वहां एक रोवर तैनात करेगा। छह पहियों वाला रोवर धरती से मिलने वाले दिशा-निर्देशों के अनुरूप अर्द्ध-स्वायत्त तरीके से चंद्रमा की सतह पर लैंडर के उतरने के स्थान के इर्द-गिर्द घूमेगा।
रोवर में लगे उपकरण चंद्रमा की सतह का अध्ययन करेंगे और संबंधित जानकारी वापस भेजेंगे। यह जानकारी चंद्रमा की मिट्टी के विश्लेषण के लिए लाभकारी होगी।
वहीं, 3,290 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाएगा और दूरस्थ संवेदी अध्ययन करेगा। इसरो ने कहा कि उपकरण चंद्र स्थल की आकृति, खनिज तत्व प्रचुरता, चंद्रमा के बहिर्मंडल और हाइड्रोक्सिल और जल-हिम का अध्ययन करेंगे।
चंद्रयान-1 भारत का पहला चंद्र मिशन था। इसरो ने इसे अक्टूबर 2008 में प्रक्षेपित किया था और यह अगस्त 2009 तक परिचालन में रहा।