भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने हाई थ्रस्ट विकास इंजन को सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जो भारत के पहले रॉकेट को शक्ति प्रदान करेगा और मनुष्यों को अंतरिक्ष में ले जाएगा। इस साल के अंत में लॉन्च होने वाले गगनयान मिशन की तैयारी के तहत इंजन को 25 सेकंड की अवधि के लिए निकाल दिया गया था।
इसरो के अनुसार, गगनयान/मानव अंतरिक्ष मिशन के विकास इंजन ने तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी) में 25 सेकंड की अवधि के लिए योग्यता परीक्षण किया। इसरो ने कहा, पहले से ही दो इंजनों का नाममात्र परिचालन स्थितियों के तहत 480 सेकंड की कुल अवधि के लिए परीक्षण किया जा चुका है।
Today, January 20, 2022, High Thrust VIKAS Engine for Gaganyaan programme has successfully undergone qualification test for a duration of 25 seconds at ISRO Propulsion Complex (IPRC), Mahendragiri, Tamil Nadu. https://t.co/myImWuAdPb pic.twitter.com/ylQNG5CXJQ
— ISRO (@isro) January 20, 2022
गुरुवार को किया गया परीक्षण नाममात्र परिचालन स्थितियों (ईंधन-ऑक्सीडाइजर अनुपात और चैम्बर दबाव) से परे संचालन करके इंजन की मजबूती को सत्यापित करने के लिए किया गया था। इंजन के प्रदर्शन ने परीक्षण के उद्देश्यों को पूरा किया और इंजन के पैरामीटर परीक्षण की पूरी अवधि के दौरान भविष्यवाणियों के साथ निकटता से मेल खाता दिखा।
इसके अलावा, अलग-अलग परिचालन स्थितियों के तहत 75 सेकंड की संचयी अवधि के लिए तीन और परीक्षणों की योजना बनाई गई है। इसरो ने कहा, इसके बाद, गगनयान कार्यक्रम के लिए विकास इंजन योग्यता को पूरा करने के लिए एक और उच्च जोर विकास इंजन 240 सेकंड के लिए एक लंबी अवधि के परीक्षण से गुजरना होगा।