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इसरो ने गगनयान कार्यक्रम के लिए क्रायो इंजन का किया परीक्षण , एस सोमनाथ बने ISRO के नए अध्यक्ष

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने गगनयान कार्यक्रम के तहत बुधवार को 720 सेकंड के लिए क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया। साथ ही बता दे कि वैज्ञानिक एस सोमनाथ को इसरो का अध्यक्ष बनाया गया है

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने गगनयान कार्यक्रम के तहत बुधवार को 720 सेकंड के लिए क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया।
परीक्षण गगनयान कार्यक्रम के तहत यह मील का पत्थर होगा साबित
इसरो ने यहां जारी बयान में कहा, ‘‘ आज 12 जनवरी-2022 को महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन काम्पलेक्स से 720 सेकंड के लिए क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण गगनयान कार्यक्रम के तहत एक प्रमुख मील का पत्थर है।’’ बयान में कहा गया कि इसके अलावा क्रायोजेनिक इंजन को 1810 सेकेंड की कुल अवधि के लिए चार और परीक्षणों से गुजरना होगा। इसके बाद गगनयान कार्यक्रम के लिए क्रायोजेनिक इंजन योज्ञता को पूरा करने के लिए इंजन को दो छोटी अवधि के परीक्षणों के साथ ही एक लंबी अवधि के परीक्षण से गुजरना होगा।
एस सोमनाथ को इसरो का बनाया गया अध्यक्ष  
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र तिरुवनंतपुरम के निदेशक और वरिष्ठ रॉकेट वैज्ञानिक एस सोमनाथ को इसरो का अध्यक्ष बनाया गया है। वह इसरो के 10वें अध्यक्ष होने के साथ साथ अंतरिक्ष विभाग के सचिव की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। आधिकारिक रूप से यह जानकारी बुधवार को दी गयी।
श्री के शिवन का कार्यकाल 14 जनवरी को हो रहा है पूरा , उनकी जगह स्थान लेंगे एस सोमनाथ
श्री सोमनाथ श्री के शिवन का स्थान लेंगे जिनका कार्यकाल एक साल के विस्तार के बाद 14 जनवरी को पूरा हो रहा है। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में निदेशक बनने से पहले वह लिक्विड प्रोपलजल सिस्टमस सेंटर (प्रणोदन प्रणाली केंद्र ) के निदेशक रहे। वह उच्च शक्ति वाले सेमी कार्यजनिक ईंधन के विकास के काम से भी जुड़े रहे। उन्होंने चंद्रयान दो के लैंडर के इंजन के विकास में भी योगदान दिया था।
श्री सोमनाथ ने केरल में कोल्लम स्थित पीकेएम इंजिनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजिनियरिंग में बी टेक की डिग्री हासिल करने के बाद भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु से अंतरिक्ष अभियानिकी में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की थी। उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया। वह 1985 में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र से जुड़े।

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