भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) यूरोपीय एवं इजराइली अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने के लिए उनके साथ वार्ता कर रहा है। इसरो के इस फैसले का उद्देश्य एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाना और संभावित अवसरों की पहचान करना है।
अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने पिछले हफ्ते इजराइल अंतरिक्ष एजेंसी (आईएसए) के महानिदेशक एवी ब्लैसबेर्गर और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के महानिदेशक जोसेफ असचबैकर के साथ ऑनलाइन बैठकें कीं।
सिवन और ब्लैसबेर्गर ने छोटे उपग्रहों के लिए विद्युत प्रणोदन प्रणाली और जीईओ-एलईओ (भूतुल्यकाली पृथ्वी कक्षा- पृथ्वी की निचली कक्षा) ऑप्टिकल लिंक में सहयोग सहित जारी गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा की। इसरो ने एक बयान में बताया कि उन्होंने भारतीय प्रक्षेपक से इजराइली उपग्रहों का प्रक्षेपण और भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ एवं भारत-इजराइल के राजनयिक संबंधों के 30 साल पूरे होने के अवसर पर 2022 में एक उपयुक्त कार्यक्रम आयोजित करने समेत भविष्य में एक साथ काम करने के संभावित अवसरों पर भी चर्चा की।
सिवन और असचबैकर ने पृथ्वी के पर्यवेक्षण, अंतरिक्ष विज्ञान, उपग्रह नेविगेशन, अंतरिक्ष स्थितिजन्य जागरुकता और मानव अंतरिक्ष उड़ान में चल रही सहयोगात्मक गतिविधियों की स्थिति की समीक्षा की। नेटवर्क और मिशनों में आपस में सहयोग से संबंधित इसरो-ईएसए व्यवस्था पर हाल में हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता एक दूसरे के अंतरिक्ष यान मिशन का समर्थन करने के लिए जमीनी स्टेशन के उपयोग को सक्षम करेगा।
इसरो ने कहा, ‘‘उन्होंने विषयगत कार्य समूह बनाने पर सहमति जताई, जो इसरो एवं ईएसए के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने के संभावित अवसरों की पहचान करने पर चर्चा करेंगे।’’ असचबैचर ने ट्वीट किया, ‘‘मैं इसरो के साथ ईएसए के सहयोग को ईएसए के अंतरराष्ट्रीय एजेंडे में उच्च प्राथमिकता पर रखता हूं। भारत के अंतरिक्ष पोर्टफोलियो में विस्तार हो रहा है, इसलिए हमारी एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाने के बहुत अवसर हैं।’’