माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने दो साल पहले कानपुर में हुए रेल हादसे के पीछे कथित तौर पर आतंकवादी साजिश होने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आरोप गलत साबित होने का हवाला देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री को पुख्ता सबूतों के बिना इस तरह के आरोप नहीं लगाने चाहिये।
आतंकवादी गतिविधियों की जांच करने वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कानपुर रेल दुर्घटना मामले में आतंकवादी साजिश के सबूत नहीं मिलने के आधार पर आरोपपत्र दाखिल नहीं करने का फैसला किया है। सीताराम येचुरी ने एनआईए के फैसले का हवाला देते हुए ट्वीट कर कहा ‘‘आतंकवाद और इससे जुड़े षड्यत्रों के आरोप गंभीर होते हैं। महज चुनावी मकसद से मोदी को ऐसे आरोप बिना पुख्ता सबूतों के, नहीं लगाना चाहिये।’’
इस मामले से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एनआईए ने 2016 में कानपुर के पास एक रेलगाड़ी के पटरी से उतरने की घटना में विस्फोटक सामग्री के इस्तेमाल की बात शुरुआती जांच में सामने नहीं आने के आधार पर इसके पीछे आतंकवादी साजिश होने से इंकार किया है। सीताराम येचुरी ने विदेशी बैंकों में जमा कालेधन की वापसी के मामले में भी मोदी सरकार पर जनता से झूठे वादे करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कालेधन की वापसी के आंकड़े सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत जारी करने के केन्द्रीय सूचना आयोग के प्रधानमंत्री कार्यालय को दिये निर्देश का हवाला देते हुए कहा ‘‘प्रत्येक बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा कराने का मोदी का वादा लोगों को बेवकूफ बनाने वाला जुमला साबित हुआ।’’