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कमलनाथ के करीबियों पर रेड से सियासत तेज, BJP बोली- चोर को चौकीदार से है शिकायत

सूत्रों ने बताया कि इस नकदी का दिल्ली-MP में राजनीतिक अभियानों का वित्तपोषण करने और मतदाताओं को रिश्वत देने जैसे चुनावी प्रलोभन में इस्तेमाल किया जाना था।

आयकर विभाग ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी सहयोगियों और अन्य के खिलाफ दिल्ली और मध्य प्रदेश समेत 50 ठिकानों पर रविवार तड़के छापेमारी की। अधिकारियों ने बताया कि कर चोरी एवं हवाला लेन-देन के आरोपों में यह छापेमारी की गई। उन्होंने बताया कि आयकर विभाग के करीब 200 अधिकारियों की टीम ने रविवार तड़के तीन बजे इन परिसरों पर छापेमारी शुरू की और 10 से 14 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी बरामद की।

सूत्रों ने बताया कि की ”पूरी आशंका” है कि इस नकदी का दिल्ली और मध्य प्रदेश में राजनीतिक अभियानों का वित्तपोषण करने और मतदाताओं को रिश्वत देने जैसे चुनावी प्रलोभन में इस्तेमाल किया जाना था। सूत्रों ने बताया कि छापेमारी की प्रारंभिक रिपोर्ट दिल्ली में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और चुनाव आयोग के साथ साझा की गई है।

बरामद हुई नकदी बढ़ती जा रही

उन्होंने बताया कि बरामद हुई नकदी बढ़ती जा रही है तथा भोपाल में गिनती के लिए और मशीनों की व्यवस्था की गई है। सूत्रों ने बताया कि तलाश अभियान दिल्ली की जांच शाखा और भोपाल एवं रायपुर की उसकी इकाइयों की मदद से चलाया जा रहा है। अधिकारियों ने राज्य में प्रवेश के लिए बसों, ऑटोरिक्शा और टैक्सी का इस्तेमाल किया ताकि किसी को भी इसकी भनक न लगे।

उन्होंने बताया कि यह छापेमारी मौजूदा चुनावी सीजन में संदिग्ध हवाला धन की संदिग्ध आवाजाही और कर चोरी के मामले में की गई है। अधिकारियों ने बताया कि आयकर अधिकारियों ने इंदौर, भोपाल, गोवा और दिल्ली (ग्रीन पार्क) में छापेमारी की। जिन लोगों पर छापेमारी की गई, उनमें कमलनाथ के पूर्व ओएसडी प्रवीण कक्कड़, पूर्व सलाहकार राजेंद्र मिगलानी और उनके रिश्तेदार की कंपनी मोजर बेयर तथा उनके भांजे रातुल पुरी की कंपनी से जुड़े अधिकारी शामिल हैं।

जिन 50 स्थानों पर छापेमारी की गई, उनमें अहमदाबाद की कुछ जगह भी शामिल हैं। कक्कड़ से कथित तौर पर जुड़े़ अश्विन शर्मा की भोपाल के प्लेटिनम प्लाजा रेजिडेंसी में भी अभियान के तहत तलाशी ली गई। अधिकारियों ने बताया कि लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले ही कक्कड़ और मिगलानी ने इस्तीफा दे दिया था।

छापेमारी वाली कुछ जगहों से महंगी शराब की बोतलें, आग्नेय अस्त्र भी हुए बरामद 

इंदौर में कक्कड़ के विजय नगर क्षेत्र स्थित आवास और उनसे जुड़े अन्य परिसरों पर छापोमरी की गई। इसके अलावा भोपाल की नादिर कॉलोनी में स्थित उनके घर और कई अन्य स्थानों पर भी छापेमारी की गई। अधिकारियों ने बताया कि 281 करोड़ रुपये के बेहिसाब लेनदेन से जुड़े दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है और उनमें से कई को जब्त कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि छापेमारी वाली कुछ जगहों से महंगी शराब की बोतलें, आग्नेय अस्त्र भी बरामद किए गए।

Praveen Kakkar

सूत्रों ने बताया कि कोलकाता के कारोबारी पारसमल लोढ़ा के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई। लोढ़ा को प्रवर्तन निदेशालय ने नोटबंदी के बाद धनशोधन के आरोपों में गिरफ्तार किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग के पास इस बार लोढ़ा से जुड़े लोगों के हवाला लेनदेन में शामिल होने की सूचना है। यह लेनदेन कमलनाथ के रिश्तेदार दीपक पुरी के खिलाफ चल रहे धनशोधन मामले से जुड़ा हुआ है।

मध्य प्रदेश पुलिस के पूर्व अधिकारी कक्कड़ को राज्य में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार के पिछले साल सत्ता में आने के बाद कमलनाथ का ओएसडी नियुक्त किया गया था। इससे पहले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय वह पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के ओएसडी थे। छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के एक नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार राजनीतिक बदले के लिए विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ के पूर्व ओएसडी भूपेन्द्र गुप्ता ने आरोप लगाया, ”भाजपा सरकार राजनीतिक रंजिश के चलते पूरे देश में विपक्ष के नेताओं को निशाना बना रही है। इसी तरह के राजनीतिक प्रतिशोध के चलते आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री (एन चन्द्रबाबू नायडू) और द्रमुक नेता एम के स्टालिन ने केन्द्र के खिलाफ प्रदर्शन किया था।”

हालांकि भाजपा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि चोरों को अब ‘चौकीदार’ से ही शिकायत होने लगी है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया, ”मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव के घर से आयकर विभाग के छापे में करोड़ों रुपये की काली कमाई बरामद हुई। इससे एक बात तो साफ हो गई कि जो चोर है, उसे ही चौकीदार से शिकायत है।”

kailash tweet

कमलनाथ के करीबियों पर रेड : आयकर विभाग के छापों में ली गयी सीआरपीएफ की भी मदद

 

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