मुंबई में सात साल पुराने पत्रकार जे डे हत्याकांड में विशेश मकोका अदालत ने बुधवार को इस सनसनीखेज मामले में अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को दोषी करार दिया है और वहीं, दो अन्य आरोपियों पत्रकार जिग्ना वोरा और जोसेफ पाल्सन को बरी कर दिया है। 11 जून 2011 को पत्रकार जेडे की हत्या की गई थी। भारत लाने के बाद पहली बार किसी मामले में छोटा राजन को दोषी ठहराया गया है। छोटा राजन इस वक्त दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है, उसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। छोटा राजन पर आरोप है कि उसने अपने खिलाफ लिखे गए लेख से गुस्साकर पत्रकार जे डे की हत्या करवाई थी।
सरकारी पक्ष ने सजा पर बहस के दौरान कोर्ट में छोटा राजन के लिए ज्यादा से ज्यादा सजा की मांग की है। सरकारी पक्ष का कहना है कि ये किसी व्यक्ति पर नहीं बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। सरकारी पक्ष के बाद बचाव पक्ष अपनी दलीलें रखेगा। उम्मीद की जा रही है कि कोर्ट आज ही सजा पर फैसला हो सकता है।
अभियोजन पक्ष के मुताबितक, माफिया सरगना छोटा राजन को यह लगता था कि जेडे उसके खिलाफ लिखते थे, जबकि मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का महिमामंडन करते थे। सिर्फ इसी वजह से छोटा राजन ने पत्रकार जेडे की हत्या करवाई थी। उसने ही इस हत्याकांड की साजिश रची थी। सबूत के तौर पर कुछ एक्स्ट्रा जूडिशियल कंफेशन हैं।
महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) से संबंधित विशेष अदालत ने इस मामले की अंतिम सुनवाई फरवरी में शुरू की थी, जोकि पिछले महीने समाप्त हुई। छोटा राजन को नवंबर 2015 में इंडोनेशिया से यहां लाया गया था और मामले का एक आरोपी बनाया गया था। डे (56) अंग्रेजी सांध्य दैनिक मिड डे के संपादक (इनवेस्टिगेशन) थे और उन्हें 11 जून, 2011 को मध्य मुंबई के उपनगर पवई में स्थित उनके आवास के समीप गोली मार दी गई थी। इस घटना से पूरे देश के मीडिया जगत में शोक की लहर दौड़ गई थी।
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