देश के राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरूवार को अपने पैत्तृक गांव किठना पर पुहंचे, जहां पर उन्होंने एक समारोह को संबोधत करते हुए औपचारिक तौर से स्पष्ट किया कि मैं इस धरती की मिट्टी की धूल का कण-कण का पूर्णत लाल हूं और बीते हर दिन मैं अपने पैत्तृक गांव को याद करता रहता हूं। उपराष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार झुंझुनूं आये धनखड़ अपने पैतृक गांव किठाना में आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज किसान परिवार का कोई व्यक्ति इस पद तक पहुंचा है इससे संविधान निर्माता को बहुत बड़ सुख मिलेगा।
मोदी की तारीफ करते हुए बोले जगदीप धनखड़
धनखड़ ने सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द, मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी पृष्ठभूमि देखकर लगता है कि हालात अब बेहतर होते जा रहे हैं। उन्होंने सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि लड़के-लड़की में फर्क मत करो और उन्हें जो करना है करने दो। उपराष्ट्रपति ने केंद, की उज्जवला योजना की तारीफ की और पश्चिम बंगाल का उदाहरण दिया।
उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति या राज्यपाल बनने के बाद हमारी गांड़यों के कांच नीचे नहीं होते हैं क्योंकि यह हमारी मजबूरी है। सुरक्षा के चलते हमें ऐसी गाड़यों में चलना होता है। लेकिन आप यह मत समझना हम आपसे दूर हैं। उन्होंने कहा कि गांव गांव में हर व्यक्ति और परिवार को सरकारी योजनाओं का फायदा लेना चाहिए। उन्होंने कहा ‘‘किठाना के हर व्यक्ति को मैंने एक ही नजर से देखा है, फिर चाहे वह कैसी ही राजनीति करता है।’’ श्री धनखड़ ने कहा कि इस गांव को आदर्श गांव बनाना मेरी परिकल्पना है। उन्होंने कहा कि गांव के बच्चे-बच्चियों को पहले थोड़ संकोच होता है। लेकिन वो मेहनत कर दुनिया अपनी मुठ्ठी में कर लेते हैं।इससे पहले उपराष्ट्रपति बनने के बाद जगदीप धनखड़ पहली बार अपने पैतृक गांव पहुंचने पर सुबह उनका हेलीपैड पर जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद वह सबसे पहले अपने आराध्य बालाजी के मंदिर पहुंचे। मंदिर तक के रास्ते में हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने उनका स्वागत किया। मंदिर में पूजा-अर्चना करने और भगवान का अशीर्वाद लेने के बाद वह अपने घर पहुंचे जहां अपने परिवारजनों एवं दोस्तों से मिले।
अपने गांवों को देखकर भावुक होकर बोले राष्ट्रपति
धनखड़ ने गांव के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय के स्कूल के नए भवन का भी शिलान्यास किया। धनखड़ ने अपनी पांचवी क्लास तक की पढ़ाई यहीं से की थी। यहां पहुंचने बच्चों ने उनका अभिनंदन किया। सभी बच्चे देश के उपराष्ट्रपति को अपने बीच पाकर काफी खुश दिखे। उपराष्ट्रपति ने अपनी पत्नी सुदेश के साथ अपने स्कूल पहुंचे। शिलान्यास कार्यक्रम में उनके साथ सांसद नरेन्द, खीचड़, कई अधिकारी और राजस्थान सरकार की मंत्री ममता भूपेश भी मौजूद रही। पेशे से वकील रहे श्री धनखड़ ने गांव के बाद आगे की पढ़ई चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल और जयपुर से की है। आज जब वह अपने प्राइमरी स्कूल पहुंचे तो यहां के स्टाफ एवं बच्चों ने उन्हें पुरानी फोटो गिफ्ट किए।इस मौके ग्रामीणों ने कहा कि धनखड़ का आना इनके लिए किसी त्योहार से कम नहीं है। बचपन में जो लोग उनके साथ खेले थे। वे उन्हें उपराष्ट्रपति बनने के बाद देखने के लिए उत्सुक हैं। सभी ने ढोल मजीरों और डीजे सहित अपने-अपने तरीकों से उपराष्ट्रपति का स्वागत किया।