संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) की ओर से आतंकवाद विरोधी समिति (Counter-Terrorism Committee) की विशेष बैठक दूसरे दिन दिल्ली में आयोजित हुई। दूसरे दिन बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद मानवता के ऊपर सबसे बड़े ख़तरों में से एक है। UNSC की आतंकवाद निरोधी समिति की बैठक के दूसरे दिन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सदस्य दिल्ली में एकत्र हुए। इस दौरान आतंकवाद से बचने वाले लोगों, पीड़ितों और उनके परिवारों की याद में एक मिनट का मौन रखा गया।
एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद मानवता के ऊपर सबसे बड़े खतरों में से एक है। UNSC ने पिछले 2 दशकों मेंआतंकवाद जैसे ख़तरे से निपटने के लिए मुख्य रूप से आतंकवाद विरोधी प्रतिबंध व्यवस्था के आसपास निर्मित एक महत्वपूर्ण वास्तुकला विकसित की है। यह उन देशों को का ध्यान केंद्रीत करने में बहुत प्रभावी रहा है जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम में बदला है।
इंटरनेट और सोशल मीडिया आतंकवाद के शक्तिशाली उपकरण
उन्होंने कहा कि CTC की इस विशेष बैठक के लिए आज दिल्ली में आप सबकी उपस्थिति यहां पर हुई है जोकि UNSC के सदस्य, सदस्य देशों के आतंकवाद के महत्वपूर्ण और उभरते हुए पहलूओं पर ध्यान केंद्रीत करने को दर्शाती है। समाज को अस्थिर करने के उद्देश्य से प्रचार, कट्टरता और षड्यंत्र के सिद्धांतों को फैलाने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों के टूलकिट में शक्तिशाली उपकरण बन गए हैं।
आतंकवाद ने तकनीक तक पहुंच अपनी क्षमताओं को बढ़ाया
विदेश मंत्री ने कहा, हाल के वर्षों में आतंकवादी समूहों ने विशेष रूप से खुले और उदार समाजों में तकनीक तक पहुंच प्राप्त करके अपनी क्षमताओं को बढ़ाया है। वे स्वतंत्रता, सहिष्णुता और प्रगति पर हमला करने के लिए खुले समाज की तकनीक, धन और लोकाचार का उपयोग करते हैं। UNSC ने पिछले 2 दशकों में, इस खतरे से निपटने के लिए मुख्य रूप से आतंकवाद विरोधी प्रतिबंध व्यवस्था के आसपास निर्मित एक महत्वपूर्ण वास्तुकला विकसित की है। यह उन देशों को नोटिस में डालने में बहुत प्रभावी रहा है जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम में बदल दिया था।
जयशंकर ने कहा, दुनिया भर की सरकारों के लिए मौजूदा चिंताओं में एक और ऐड-ऑन आतंकवादी समूहों और संगठित आपराधिक नेटवर्क द्वारा मानव रहित हवाई प्रणालियों का उपयोग है। भारत आतंकवाद के खतरे को रोकने और उसका मुकाबला करने में सदस्य देशों को क्षमता-निर्माण सहायता प्रदान करने में यूएनओसीटी के प्रयासों को बढ़ाने के लिए इस वर्ष आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र ट्रस्ट फंड में आधा मिलियन डॉलर का स्वैच्छिक योगदान देगा।