नई दिल्ली : स्विस बैंक में भारतीयों की जमा पूंजी में हुई बढ़ोतरी पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट लिखकर सफाई दी है। जेटली ने लिखा कि स्विस बैंक को लेकर आयी इस रिपोर्ट को लेकर यह गलत जानकारी दी जा रही है कि मोदी सरकार के कालेधन के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान का यह परिणाम है।
उन्होंने बताया कि स्विस बैंकों में भारतीयों का जो पैसा है, उसमें ज्यादातर भारतीय मूल के उन लोगों का है, जो अब विदेशों में बस गए हैं। यह पूरा पैसा काला धन नहीं है। अरुण जेटली ने उन रिपोर्ट्स का भी खंडन किया, जिनमें कहा जा रहा है कि काले धन के खिलाफ मोदी सरकार की तरफ से उठाए गए कदम फेल हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसी रिपोर्टों की वजह से भ्रामक जानकारी फैल रही है। उन्होंने फेसबुक पर अपने ब्लॉग में लिखा, ‘ स्विट्जरलैंड स्विस बैंकों में रखे पैसे की डिटेल साझा करने के लिए पहले तैयार नहीं था। लेकिन बाद में वैश्विक दबाव की वजह से वह इसके लिए तैयार हुआ है। अब उसने उससे जानकारी मांगने वाले देशों को डिटेल देने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है।’
उन्होंने बताया कि जनवरी, 2019 से भारत को भी इसकी जानकारी मिलनी शुरू हो जाएगी। अरुण जेटली ने स्विस बैंकों में काला धन रखने वालों को लेकर कहा कि जो दोषी पाया जाएगा, उसे काले धन के कानून के तहत सजा सुनाई जाएगी। उन्होंने स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि बढ़ने की रिपोर्ट्स पर सवालिया निशान उठाया है। उन्होंने कहा कि अतीत का अनुभव बताता है कि स्विस बैंकों में पैसा रखने वाले ज्यादातर भारतीय मूल के लोग।
जेटली ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अवैध तरीके से यहां धन छुपाने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है। आपराधिक कार्रवाई की जा रही है और गिरफ्तारी भी हो रही है। उन्होंने कहा कि अब स्विट्जरलैंड टैक्स चोरी के लिए बेहतर जगह नहीं रह गई है। उन्होंने कहा स्विस बैंक में पैसे रखने वाले हर शख्स को टैक्स चोरी करने वाला बता देना कमजोर धारणा है।