नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के बटवारे को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच आज यहां बैठक हुयी। संसद भवन स्थित श्री जेटली के कार्यालय में दोपहर बाद हुयी इस बैठक में बिहार प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नित्यानंद राय भी मौजूद थे। लोजपा की ओर से श्री पासवान के अलावा पार्टी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान और दलित सेना अध्यक्ष एवं सांसद राम चन्द, पासवान उपस्थित थे।
श्री पासवान ने बैठक के बाद बताया कि बिहार में सीटों के बटवारे को लेकर उनकी कोई नाराजगी नहीं है। सूत्रों के अनुसार बैठक में जल्द से जल्द सीटों के बटवारे पर जोर दिया गया ताकि सहयोगी दलों के संभावित उम्मीदवार चुनाव की तैयारी में जुट सकें। इस पर दोनों पक्षों की लगभग एक राय थी। सूत्रों ने बताया कि जनता दल (यू) के प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ इस संबंध में अंतिम बातचीत के बाद भाजपा सहयोगी दलों के साथ सीटों के बटवारे को अंतिम रुप देना चाहती है। श्री कुमार आज शाम यहां पहुंच गये 1 उनके दो दिन यहां रहने का कार्यक्रम है। बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं। जदयू सूत्रों के अनुसार श्री कुमार अपने दिल्ली प्रवास के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तथा पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ चुनाव को लेकर बातचीत करेंगे।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के भाजपा गठबंधन से पिछले दिनों अलग होने के बाद श्री चिराग पासवान ने बिहार में गठबंधन दलों के बीच सीटों के बटवारा नहीं होने को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी और 31 दिसम्बर तक यह कवायद पूरी करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद भाजपा के महासचिव भूपेन्द, यादव ने कल श्री राम विलास पासवान और श्री चिराग पासवान से बातचीत की थी। लोजपा के छह लोकसभा सदस्य हैं। सूत्रों का कहना है कि वह अगले चुनाव में अधिक सीटों पर लड़ना चाहती है और एक राज्यसभा सीट भी चाहती है। पिछले लोकसभा चुनाव में जद (यू) और भाजपा साथ नहीं थे लेकिन लोजपा तथा भाजपा ने मिलकर चुनाव लड़ था। पिछले दिनों श्री नीतीश कुमार ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ यहां बैठक की थी और उसके बाद दोनों नेताओं ने घोषणा की थी कि दोनों दल बिहार में बराबर सीटों पर चुनाव लड़गे लेकिन सीटों की घोषणा अन्य घटक दलों के साथ विचार विमर्श के बाद की जायेगी।
श्री शाह ने कहा था कि गठबंधन में नये घटक दल जद (यू) के आने के मद्देनजर सभी घटक दलों को पिछले चुनाव की तुलना में कुछ सीटों का त्याग करना होगा। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी कुछ समय तक यह प्रयास करती रही कि उसे उचित सीटें मिलें लेकिन बात नहीं बनने पर उसके नेता उपेन्द, कुशवाहा ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देनें के साथ ही गठबंधन से नाता तोड़ लिया और बाद में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन में शामिल हो गये।