शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल ने पंजाब कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड पर बिजली की दरों में में बढ़ोतरी को रोकने में राज्य सरकार की विफलता को ढकने का आरोप लगाते हए कहा है कि केंद्र की पूर्ववर्ती संप्रग सरकार की दिशा निर्देशों के मुताबिक ही बिजली खरीद के सभी समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे।
जाखड ने हाल ही में राज्य में बिजली की दरों में बढ़ोतरी के लिए शिअद भाजपा गठबधन सरकार को जिम्मेदार बताया था।
पंजाब में उपमुख्यमंत्री रह चुके सुखबीर ने बयान जारी कर कहा कि जाखड़ जानबूझ कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। वह लोगों को यह नहीं बता रहे हैं कि निजी क्षेत्र से बिजली खरीद के सभी समझौते पर तत्कालीन केंद्रीय बिजली मंत्रालय की ओर से जारी दिशा निर्देश के आधार पर प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के तहत हस्ताक्षर किये गए थे।
उन्होंने कहा कि दिशा निर्देश का जो मसौदा केंद्रीय बिजली मंत्रालय की ओर से जारी किए गए थे उसे शिअद भाजपा सरकार ने उसी स्वरूप में स्वीकार कर लिया था। अंतराष्ट्रीय बोली के आधार पर ही समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था जिसके अधार पर लार्सन एंड टुब्रो तथा वेदांता जैसी शीर्ष कंपनियों को ये प्रतिष्ठित परियोजनायें मिली क्योंकि बिजली खरीद समझौते में उस वक्त देश में इन्हीं दोनो कंपनियों ने सबसे कम बोली लगायी थी।
त्रिपक्षीय सहमति पत्र पर केंद्रीय बिजली मंत्रालय और पंजाब सरकार की पीएसपीसीएल के बारे में उन्होंने कहा कि इस मसले पर भी जाखड लोगों से सचाई छिपा रहे हैं।
राज्य की कांग्रेस सरकार से सुखबीर ने पूछा कि बिजली की दर को नियंत्रित करने में यह असफल क्यों हुई है जैसा कि शिअद भाजपा सरकार ने किया था।
उन्होंने कहा कि सरकार औद्योगिक क्षेत्र को पांच रूपये की दर से बिजली देकर राज्य में अतिरक्त बिजली का फायदा उठा रही है। लोगों को कौन भ्रमित कर रहा है, मैं या सुनील जाखड।
सुखबीर ने पूछा, राज्य सरकार बिजली की दरों में हुई बढोथरी जो शहरी लोगों पर थोपा गया है उसे कम क्यों नहीं करती है।