जम्मू-कश्मीर के रामबन में जमीन धंसने से लोगों में दहशत का माहौल। रामबन के गूल रोड पर करीब 1 किलोमीटर तक जमीन धंसने के कारण रामबन से 6 किलोमीटर दूर पेरनोट गांव में करीब 50 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। पेरनोट गांव में जमीन धंसने के कारण गूल और रामबन के बीच महत्वपूर्ण सड़क संपर्क टूट गया। हालात तब ज्यादा गंभीर हो गए जब लोगों के घरों में दरारें आने लगीं। जिसके बाद क्षेत्र के कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। घटना से कई बिजली के टावर गिर गए। साथ ही एक सड़क पूरी तरह तबाह हो गई।
जमीन धंसने के पीछे मुख्य कारणों का पता लगाने के लिए भूविज्ञान विशेषज्ञों को बुलाया गया है, दूसरी ओर हालातों का जायजा लेने के लिए जिला अधिकारियों की एक टीम तैनात की गई है। उपायुक्त चौधरी ने बताया कि जमीन लगातार डूब रही है, लेकिन हमारा पहला काम सड़क और बिजली जैसी आवश्यक सेवाओं को लोगों तक पहुंचाना है। हम सक्रिय रूप से टेंट और अन्य आवश्यक चीजें बांट रहे है। और पीड़ितों की सहायता के लिए चिकित्सा शिविर आयोजित कर रहे हैं। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों के साथ स्थानीय स्वयंसेवकों ने क्षतिग्रस्त घरों से अपना सामान शिफ्त करने में प्रभावित परिवारों की सहायता की।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि मैं पेरनोट गांव में हुए दुर्भाग्यपूर्ण भूस्खलन के बाद राहत कार्य के संबंध में उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी के साथ लगातार संपर्क में हूं। उन्होंने कहा कि भोजन, स्वास्थ्य देखभाल, तम्बू, बिस्तर, आदि की सुविधा के लिए सभी आयश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। करीब 350 प्रभावित व्यक्तियों का पुनर्वास किया जा रहा है, सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। मौके पर सहायता के लिए जल्द एक स्थानीय कैंप कार्यालय भेजा गया है।