देश में सार्वजनिक क्षेत्र के लगभग सभी उपक्रमों (पीएसयू) की हालात काफी खराब है, जिस कारण यह सरकार के लिेए घाटे का सौदा होता रहा है। इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि सरकार द्वारा ऐसे पीएसयू के प्रति सरकार बेहद गंभीर है और इस संबंध में उपक्रमों को पुनरूद्धार करने के लिेए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
लोकसभा में प्रश्नकाल सत्र के दौरान बीमार पीएसयू के संदर्भ में सरकार के कदमों के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने निचले सदन में ये बात कही। जावडेकर ने कहा, हमेशा यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाता है कि जिन इकाइयों का पुनरुद्धार किया जा सकता है, उनका पुनरुद्धार किया जाए। मंत्री ने यह भी कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों की पूरी क्षमता का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने सरकार ने कुछ सार्वजनिक उपक्रमों के पुनरुद्धार, विलय या पुनर्गठन को मंजूरी दी है।
उन इकाइयों में से जावडेकर ने ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड, हिंदुस्तान स्टीलवर्क कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, रिचर्डसन और क्रूडास लिमिटेड, नेपा लिमिटेड, हुगली प्रिंटिंग कंपनी लिमिटेड, कोंकण रेलवे कॉपोर्रेशन लिमिटेड, महानगर टेलिकॉम निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) और भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) का जिक्र किया।
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकारी कंपनियां बीएसएनएल और एमटीएनएल रणनीतिक संपत्ति हैं। मंत्रिमंडल ने घाटे में चल रही दूरसंचार कंपनियों — बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 69,000 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी थी, जिसमें दोनों कंपनियों के विलय की मंजूरी शामिल थी।