बिहार के बाद मणिपुर में जदयू भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया हैं। जनता दल (युनाइटेड) और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने शनिवार को मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करने की घोषणा की। पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
मणिपुर विधानसभा में सीटों का समीकरण
हालिया विधानसभा चुनावों में जद (यू) ने 38 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से छह जीते, जबकि एनपीएफ के 10 उम्मीदवारों में से पांच जीते। 2017 के विधानसभा चुनावों में इसे चार सीटें मिली थीं। भाजपा को बहुमत से एक से ज्यादा सीट मिली हैं।
मणिपुर में लोगों के हित के लिए भाजपा को समर्थन – मोहम्मद निसार सचिव जदयू
जद (यू) के राष्ट्रीय कार्यालय सचिव मोहम्मद निसार ने एक बयान में कहा कि मणिपुर के लोगों के हित में पार्टी ने सरकार के गठन में भाजपा को समर्थन देने का फैसला किया है। बयान में कहा गया है कि जद (यू) पार्टी के प्रतिनिधियों से भाजपा को मिले जनादेश का सम्मान करने और मणिपुर के लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने में सहयोग देने की अपील करती।
खुमुकचम जॉयकिसन सिंह चुने गए विधायक दल के नेता
जदयू के नवनिर्वाचित पार्टी विधायकों ने सर्वसम्मति से खुमुकचम जॉयकिसन सिंह को पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रभारी अहमद खान और राष्ट्रीय महासचिव अहमद खान की मौजूदगी में जद (यू) विधायक दल का नेता चुना गया है।
एनपीएफ के कई नेताओं को मिल सकता हैं मंत्री पद – सूत्र
एनपीएफ के महासचिव अचुंबेमो किकोन ने कहा कि पार्टी 2017 से ही भगवा कैंप को सहयोग दे रही है, इसलिए वह इस बार भी भाजपा सरकार को समर्थन दे रही है। एनपीएफ सूत्रों ने कहा कि पार्टी को नए मंत्रिमंडल में कुछ कैबिनेट मंत्री के पद मिलने की संभावना है।
भाजपा ने 60 सदस्यीय विधानसभा की 32 सीटें जीतकर लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए मणिपुर में पूर्ण बहुमत हासिल किया।
पिछली सरकार में सहयोगी रही एनपीपी अबकी बार विपक्ष में बैठेगी
भाजपा 2017 में छोटे दलों के साथ गठबंधन कर पहली बार मणिपुर में सत्ता में आई। उसे राष्ट्रीय पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चार, एनपीएफ के चार, तृणमूल कांग्रेस के एक और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन मिला था। भाजपा की सहयोगी रही एनपीपी ने सात सीटें जीती हैं। उसने इस बार विपक्षी पार्टी की भूमिका निभाने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा में कशमकस जारी
शुक्रवार को मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने गवर्नर ला गानसन से मुलाकात की और अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल ने उनसे नई सरकार के गठन तक अपने पद पर बने रहने के लिए कहा है। अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि अगला मुख्यमंत्री किसे चुना जाएगा।
चुनाव से पहले, भाजपा ने अनौपचारिक रूप से घोषणा की थी कि सिंह पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरा होंगे और अगली सरकार का नेतृत्व करेंगे।