बिहार में नीतीश सरकार में हिस्सा व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने फिर से नीतीश व भाजपा के सामने बड़ी मांग कर दी हैं। अबकी बार उन्होनें विधान परिषद के स्थानीय निकाय कोटे से चौबीस सीटों पर होने वाले चुनाव में दो सीटे अपनी पार्टी के लिए मांगी है। जिस कारण बिहार की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।
हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने यहां बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी विधान परिषद के स्थानीय निकाय कोटे से होने वाले चुनाव में दो सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेंगी।
विधानसभा चुनाव में सात में से चार सीटों पर की थी जीत दर्ज
चार विधायकों वाली श्री मांझी की पार्टी‘हम’ने 24 में दो सीटों की नई मांग रखी है। पिछले विधानसभा चुनाव में सीटों को तालमेल के तहत श्री मांझी की पार्टी को भले ही 243 में महज सात सीटें मिली हो लेकिन विधान परिषद की 24 में दो सीट चाहिए। हालांकि इसके पहले भी श्री मांझी ने राज्यपाल कोटे से विधान परिषद के लिए मनोनयन वाली 12 सीटों पर अपनी पार्टी की मांग रखी थी। लेकिन, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने उसे सिरे से खारिज कर दिया था।
एक बार फिर से श्री मांझी ने नया दांव खेला है और 24 सीटों में से दो पर अपनी दावेदारी पेश की है। हालांकि इनकी दावेदारी पर भाजपा और जदयू कितना विचार करेगी पूर्व के वाकयों से ही साफ हो रहा है। बुधवार को हम के प्रमुख जीतन राम मांझी की तरफ से नई शर्त रखी गई है।
कई बार कर चुके हैं नाराजगी का इजहार
जीतनराम मांझी अपने बयान के जरिए नीतीश सरकार को कई बार अस्थिर कर चुके हैं। फिलहाल बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राजद भी आए दिन सरकार बनाने के लिए सरकार के साझी दलों पर नजर गड़ाए बैठे रहते हैं। लालू प्रसाद यादव कई बार मुकेश कुमार व जीतनराम मांझी को अपने पाले में खींचने का पुरजोर कोशिश कर चुके हैं। इसलिए आए दिन जीतनराम मांझी की मांग कभी भी सरकार पर संकट के बादल मंडरा सकती है। वर्तमान में जीतन राम मांझी एनड़ीए के लिए गलें की फांस बनते जा रहे है।