देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में कमी के बीच तीसरी लहर के आने की आशंका बरकरार है। तीसरी लहार से निपटने के लिए केंद्र सरकार की तैयारियां जोरों पर है। इस बीच केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मेडिकल पेशवरों से कोरोना वायरस महामारी की संभावित तीसरी लहर के बारे में दहशत नहीं पैदा करने का अनुरोध किया है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्य जोर ‘एहतियात’ पर होना चाहिए।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सिंह ने कहा कि कोविड को फैलने से रोकने वाले व्यवहार महामारी की तीसरी लहर से रक्षा कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेडिकल सहकर्मियों से मेरा छोटा सा यह अनुरोध है कि संभावित तीसरी लहर के बारे में दहशत नहीं पैदा किया जाए, क्योंकि मूल मंत्र एहतियात है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवा में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) प्रारूप महामारी के बीच मजबूत हुआ है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नयी दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, ‘‘जैसा कि अब हम तीसरी लहर की संभावना और डेल्टा प्लस जैसे नये स्वरूप (के प्रसार) को लेकर तैयार हैं…हमें आगे देखने की जरूरत है और यह देखने की जरूरत है कि किस तरह हम अतीत से मिली सीख पर ध्यान देकर अपनी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत कर सकते हैं। ’’ गुलेरिया ने विशेषज्ञ कार्यबल तैयार कर स्वास्थ्य ढांचा बेहतर करने और चिकित्सक-मरीज तथा नर्स-मरीज अनुपात बढ़ाने पर जोर दिया।