कपिल सिब्बल आज के दिन काफी चर्चा में रहे हैं। कांग्रेस छोड़ चुके सिब्बल ने सपा का हाथ थाम लिया हैं। जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि सपा के समर्थ ने से निर्दलीए उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा की सीट के लिए नामांकन भरा हैं। इस निर्णय के बाद से ही कांग्रेस पार्टी में खलबली सी मच गई हैं। हालांकि, सपा में जाने के बाद उन्होने औपचारिक तौर से स्पष्ट किया है कि मैने अपना इस्तीफा 16 मई को पहले ही कांग्रेस पार्टी को दे दिया था।
ट्वीट के माध्यम से हुई बयानबाजी
कपिल सिब्बल के सपा में जाने के बाद तुरंत बीजेपी नेता जितिन प्रसाद ने एक बहुत पुराने को ट्वीट को दोबारा ट्वीट करके सिब्बल पर कटाक्ष किया हैं। जितिन प्रसाद भी पहले कांग्रेस में ही सम्मिलत था और बाद में बीजेपी पार्टी ज्वाइन कर ली हैं। और उस समय सिब्बल ने जितिन प्रसाद पर प्रहार करते हुए कहा था कि उनका बीजेपी का दामन थामना ‘प्रसाद की राजनीति’ हैं।
“G-23” का हिस्सा थे कपिल सिब्बल
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कपिल सिब्बल, कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक, 23 असंतुष्ट नेताओं के समूह के “जी-23” का हिस्सा थे, जिन्होंने पार्टी के नेतृत्व और संगठन को पूरी तरह से बदलने का आह्वान किया था. वह हाल के हफ्तों में गांधी परिवार के नेतृत्व की आलोचना के बारे में भी मुखर रहे थे. उनके इस्तीफे को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है कि कपिल सिब्बल बड़े नेता रहे हैं.
कपिल सिब्बल ने आजम खान का किया समर्थन
जानकारी के मुताबिक पता चला है कि कपिल सिब्बल ने सपा पार्टी को जुड़ने के लिए लखनऊ में अखिलेश यादव से वचर्अल बैठक की थी। और इतना ही नहीं सपा का चोला पहनने के बाद उन्होने तुरंत आजम खान की पैरवी करना शुरू कर दी। अभी कुछ ही दिन पहले ही आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया था वह दो साल से जेले में ही रह रहे थे। हालांकि, ज्यसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 11 सीटें अगामी शामिल होगी