जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन वेबिनार को शुक्रवार को विश्वविद्यालय प्रशासन ने कश्मीर को 'भारतीय अधिकृत कश्मीर' के रूप में संदर्भित करने के लिए तुरंत रोकने का आदेश दिया और इस कार्यक्रम को शुरू होने से पहले ही रद्द कर दिया गया।
फैकल्टी सदस्यों को कार्यक्रम को रोकने का निर्देश
कुलपति एम. जगदीश कुमार ने कहा, "जैसे ही यह हमारे संज्ञान में आया कि सेंटर फॉर वूमेन स्टडीज द्वारा शुक्रवार को रात 8.30 बजे 'जेंडर रेजिस्टेंस एंड फ्रेश चैलेंजेज इन पोस्ट-2019 कश्मीर' शीर्षक से एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है। हमने तुरंत फैकल्टी सदस्यों को कार्यक्रम को रोकने का निर्देश दिया।"
कई छात्रों और शिक्षकों ने वेबिनार में कश्मीर के संदर्भ पर कड़ी आपत्ति
जेएनयू के कई छात्रों और शिक्षकों ने वेबिनार में कश्मीर के संदर्भ पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। छात्र संगठन एबीवीपी ने कहा कि वेबिनार वेबपेज ने जम्मू-कश्मीर को 'भारतीय अधिकृत कश्मीर' के रूप में संबोधित किया, जो आपत्तिजनक और असंवैधानिक है। वीसी ने कहा कि इस तरह के आयोजन की योजना बनाने से पहले संकाय सदस्यों ने अनुमति नहीं ली थी।
यह हमारे देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर सवाल उठाता है
उन्होंने कहा, "यह बेहद आपत्तिजनक और उत्तेजक है, क्योंकि यह हमारे देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर सवाल उठाता है। जेएनयू ऐसे अत्यधिक संदिग्ध वेबिनार का मंच नहीं हो सकता है। मामले की जांच चल रही है।" कई शिक्षकों ने वेबिनार में 'भारतीय अधिकृत कश्मीर' कहे जाने वाले भारत के अभिन्न अंग कश्मीर पर कड़ा विरोध दर्ज कराया और कहा कि यह जेएनयू को राष्ट्र-विरोधी के रूप में चित्रित करने का प्रयास था। साथ ही उन्होंने वेबिनार रद्द होने पर संतोष जताया।
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