जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय हिंसा की केरल और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने निंदा की है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हिंसा की निंदा करते हुए इसे नाजियों के तरीके का हमला करार दिया। विजयन ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि छात्रों पर हमला असहिष्णुता का एक भयावह प्रदर्शन है। उन्होंने कहा कि संघ परिवार को अपनी ‘‘शैतानी योजना’’ को खत्म करना चाहिए ताकि विश्वविद्यालयों को रक्तपात से बचाया जा सके।
उन्होंने कहा, “जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों पर नाजियों के तरीके का हमला करने वाले देश में अशांति और हिंसा पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं…. हमलावर आतंकवादियों की तरह घातक हथियारों के साथ परिसर में घुसे।” उन्होंने कहा कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं के घायल छात्र संघ अध्यक्ष को ले जा रही एम्बुलेंस को रोकने की खबरें, उनकी दंगा करने की हद को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “संघ परिवार को अपनी “शैतानी योजना” को खत्म करना चाहिए ताकि विश्वविद्यालयों को रक्तपात से बचाया जा सके।”
जेएनयू हिंसा पर बोलीं स्मृति ईरानी- शिक्षण संस्थाओं को राजनीति का अखाड़ा ना बनाया जाए
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने हिंसा को बर्बर और अत्याचारी करार दिया और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, “जेएनयू में यकीनन स्थिति निंयत्रण से बाहर है। दिल्ली पुलिस इस प्रमुख विश्वविद्यालय में कुछ मुट्ठी भर गुंडों द्वारा फैलाई जा रही अशांति के खिलाफ मूक दर्शक नहीं बन सकती। यह बर्बर, अत्याचारी है और इसे लोहे की छड़ों से ही निपटने की जरूरत है।”
गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में रविवार रात उस वक्त हिंसा भड़क गयी थी, जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा था। इस हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित कम से कम 28 लोग घायल हुए हैं।