नई दिल्ली: रेलवे ने इस साल देश के 7 हजार 349 स्टेशनों का स्वच्छता सर्वे सोमवार को जारी किया। इसकी ए-1 कैटेगरी में राजस्थान का जोधपुर स्टेशन साफ-सफाई में सबसे आगे रहा। दूसरे नंबर पर जयपुर और आंध्र प्रदेश का तिरुपति तीसरे स्थान पर रहा। पिछले साल एक नंबर पर रहने वाला विशाखापट्टनम 2018-19 के सर्वे में फिसल गया।
सोमवार को स्वच्छता सर्वेक्षण रिपोर्ट को जारी करते हुए रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ”जोधपुर ए-1 स्टेशन श्रेणी के तहत सबसे स्वच्छ स्टेशन के रूप में सामने आया है। बीते साल विशाखापट्नम पहले स्थान पर था।” उन्होंने कहा कि राजस्थान की राजधानी जयपुर का स्टेशन दूसरे नंबर पर है और आंध्र प्रदेश का तिरुपति स्टेशन तीसरे स्थान पर है. पिछले सर्वेक्षण में जोधपुर 17वें स्थान पर, जबकि जयपुर व तिरुपति क्रमश: 18वें व 19वें स्थान पर थे।
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वाराणसी रेलवे स्टेशन देश के सबसे व्यस्त 75 स्टेशनों में इस साल 69वें स्थान पर पहुंच गया। यह स्टेशन स्वच्छता सर्वेक्षण में 2017 में 14वें स्थान पर था। मथुरा रेलवे स्टेशन ए-1 स्टेशन श्रेणी में सबसे गंदा स्टेशन घोषित किया गया। दरभंगा स्टेशन इस साल 52वें स्थान पर रहा। इस स्टेशन को 2017 में सबसे गंदा स्टेशन घोषित किया गया था। ए-1 श्रेणी के स्टेशनों में दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन ने अपना पांचवां स्थान बनाए रखा, जबकि निजामुद्दीन व पुरानी दिल्ली स्टेशन क्रमश: 54वें व 60वें स्थान पर रहे. बीते साल पुरानी दिल्ली व हजरत निजामुद्दीन क्रमश: 23वें व 24वें स्थान पर थे।
रेलवे स्टेशनों की स्वच्छता का आंकलन करने के लिए साफ शौचालय, स्वच्छ पटरियां व डस्टबिन जैसे कुछ मानक तय किए गए थे। रेलवे ने स्वच्छता के आंकलन के लिए तीसरे पक्ष से एक सर्वेक्षण कराया था। यह सर्वेक्षण भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) ने किया, जिसके तहत 407 स्टेशनों को शामिल किया गया। इसमें 75 ए-1 श्रेणी में और 332 ए श्रेणी में शामिल हैं। पहला सर्वेक्षण आईआरसीटीसी ने 2016 में किया था, दूसरा क्यूसीआई ने किया था।
रेल मंत्री ने कहा कि ए श्रेणी के रेलवे स्टेशनों में राजस्थान का मारवाड़ पहले और फुलेरा दूसरे नंबर पर रहा. आंध्र का वारंगल स्टेशन इस श्रेणी में तीसरे स्थान पर रहा। मारवाड़ 2017 के स्वच्छ स्टेशनों की सूची में 168वें स्थान पर था, जबकि फुलेरा 219वें व वारंगल 2017 में आठवें स्थान पर था।
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उत्तर प्रदेश का शाहगंज स्टेशन ए श्रेणी के तहत सबसे गंदा स्टेशन रहा। गोयल ने कहा कि उत्तर पश्चिमी रेलवे (एनडब्ल्यूआर) सफाई जोन की सूची में सबसे शीर्ष पर है। पीयूष ने कहा, ”एनडब्ल्यूआर बीते साल आठवें नंबर पर था। इस साल इसने सूची में शीर्ष स्थान पाया है। यह टीम के बीते एक साल में बेहतरीन तरीके के कार्य को दिखाता है।”
दक्षिणी मध्य रेलवे (एससीआर) को दूसरे सबसे स्वच्छ जोन के रूप में घोषित किया गया है। एससीआर बीते साल चौथे स्थान पर था। पूर्वी तटीय रेलवे (ईसीआर) को स्वच्छता जोन में तीसरा स्थान मिला है।