सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर विपक्ष के 13 नेताओं का जॉइंट स्टेटमेंट, कहा- PM मोदी की चुप्पी से स्तब्ध - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर विपक्ष के 13 नेताओं का जॉइंट स्टेटमेंट, कहा- PM मोदी की चुप्पी से स्तब्ध

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत देश के 13 विपक्षी दलों के नेताओं ने ‘हिंसा और घृणा भाषण’ की हालिया घटनाओं पर चिंता जताते हुए शनिवार को सरकार पर निशाना साधा।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत देश के 13 विपक्षी दलों के नेताओं ने ‘हिंसा और घृणा भाषण’ की हालिया घटनाओं पर चिंता जताते हुए शनिवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी इस बात का प्रमाण है कि ऐसी घटनाओं को आधिकारिक संरक्षण प्राप्त है। इन दलों के नेताओं ने साझा अपील जारी कर लोगों शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है।  
इन नेताओं ने बोला हमला 
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक नेता एमके स्टालिन, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, राजद नेता तेजस्वी यादव, भाकपा महासचिव डी राजा, फॉरवर्ड ब्लॉक के देवव्रत विश्वास, आरएसपी के महासचिव मनोज भट्टाचार्य, आईयूएमएल के महासचिव पीके कुनालिकुट्टी और भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने यह साझा अपील की है।  
उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता प्रतिष्ठान के धड़े द्वारा जिस तरह से भोजन, पहनावे, आस्था, त्योहारों और भाषा से से जुड़े मुद्दों का जानबूझकर समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए उपयोग किया जा रहा है, उससे हम बहुत क्षुब्ध हैं।’’ इन नेताओं ने दावा किया, ‘‘हम घृणा भरे बोल की बढ़ती घटनाओं को लेकर बहुत चिंतित हैं। ऐसा लगता है कि इस तरह की जुबान बोलने वालों को आधिकारिक संरक्षण मिला हुआ है और इनके खिलाफ कोई सार्थक और कड़ी कार्रवाई नहीं होती है।’’ 
उनके मुताबिक, ‘‘हम सांप्रदायिक हिंसा की हालिया घटनाओं की निंदा करते हैं। हम इससे बहुत चिंतित हैं कि जहां ये घटनाएं हुई हैं उन इलाकों से मिली खबरों से संकेत मिलता है कि इनका एक सोचा-समझा तरीका है। आक्रामक सशस्त्र धार्मिक जुलूसों में भड़काऊ भाषण दिए जाते हैं जिससे हिंसा फैलती है।’’ विपक्षी नेताओं ने कहा, ‘‘नफरत और पूर्वाग्रह फैलाने के लिए सोशल मीडिया और ऑडियो-वीडियो मंचों का आधिकारिक संरक्षण के साथ जिस तरह से उपयोग किया जा रहा है उससे हम बहुत दुखी हैं।’’  
हम प्रधानमंत्री की चुप्पी से स्तबध हैं 
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हम प्रधानमंत्री की चुप्पी से स्तबध हैं। वह उन लोगों के खिलाफ बोलने और कदम उठाने में विफल रहे जो कट्टरता को बढ़ावा देते हैं और जो अपनी बातों और कामों से हमारे समाज में उत्तेजना पैदा करते हैं। यह चुप्पी इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि इस तरह के निजी सशस्त्र भीड़ को आधिकारिक संरक्षण मिला हुआ है।’’  
हम अपने दलों की सभी इकाइयों का आह्वान करते हैं  
विपक्षी नेताओं ने कहा, ‘‘हम सामाजिक सद्भाव को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने का अपना सामूहिक संकल्प दोहराते हैं। हम उस जहरीली विचारधारा का मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं जो हमारे समाज को बांट रही है। हम इस संकल्प को भी दोहराते हैं कि हमारा देश तभी समृद्ध होगा जब यह विविधताओं का सम्मान करेगा, अपने साथ समाहित करेगा और इनका जश्न मनाएगा।’’ 
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हम समाज के सभी हिस्सों से शांति बनाने और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को विफल करने की अपील करते हैं। हम अपने दलों की सभी इकाइयों का आह्वान करते हैं कि वो शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए मिलकर काम करें।’’

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