राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने जोधपुर के जोजरी नदी में घरेलू सीवेज और ओद्योगिक अपशिष्ट नियंत्रित नहीं कर पाने पर नाराजगी जाहिर करते हुये राजस्थान सरकार पर 10 लाख रूपये का पर्यावरणीय हर्जाना लगाया है।
कार्यवाहक अध्यक्ष यूडी साल्वी की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने कहा कि इसकी प्रतिबद्धता होने के बावजूद राज्य सरकार ने सलवास गांव में मलजल अपशोधन संयंत्र (एसटीपी) नहीं लगाया।
खंडपीठ ने कहा कि 23 अगस्त 2017 को राज्य सरकार ने हलफनामा/ जवाब दिया था जिसमें सलवास में पांच करोड़ लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) क्षमता का मल शोधन संयंत्र लगाने की बात कही थी। दूसरे चरण का निर्माण हो रहा है जिसके एक महीना के भीतर सितंबर 2017 के अंत शुरू हो जाने की बात कही गयी थी। परंतु अभी तक कथित एसटीपी ने काम शुरू नहीं किया है। यह सभी राज्य सरकार की लापरवाही दर्शाता है जिससे पर्यावरण पर हानिकारक प्रभाव पड़ा।’’
पीठ ने कहा, ‘‘हम, इसलिए, राज्य सरकार पर 10 लाख रूपये का पर्यावरणीय हर्जाना लगा रहे हैं जिसमें से 25 प्रतिशत राशि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और 75 प्रतिशत राशि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दी जायेगी।’’
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