संसद में बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर की आधिकारिक भाषा संबंधी बिल को पास कर दिया गया है। बिल के पास होने पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ख़ुशी जताते हुए इसे जम्मू-कश्मीर के लोगों की 70 वर्षो से अनसुनी मांग पूरी होना बताया है।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, “जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक-2020 के राज्यसभा में पारित होने पर मैं जम्मू-कश्मीर के बहनों-भाइयों को हार्दिक बधाई देता हूं। 70 वर्षो से अनसुनी प्रदेश वासियों की इस मांग को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हृदय से अभिनंदन करता हूं।”
जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक-2020 के राज्यसभा में पारित होने पर मैं जम्मू-कश्मीर के बहनों-भाइयों को हार्दिक बधाई देता हूं तथा 70 वर्षों से अनसुनी प्रदेश वासियों की इस मांग को पूरा करने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी का हृदय से अभिनंदन करता हूं।
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) September 23, 2020
नड्डा ने कहा कि इस ऐतिहासिक विधेयक के पारित होने से कश्मीरी, डोंगरी, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी को अधिकारिक भाषाओं का दर्जा प्राप्त होगा। यह जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय भाषाओं के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के सांस्कृतिक संरक्षण एवं विकास के लिए कृत संकल्पित है।
जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक-2020 में पांच भाषाओं हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, कश्मीरी और डोगरी को केंद्र शासित प्रदेश की आधिकारिक भाषा का दर्जा देने का प्रावधान है। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के 74 प्रतिशत लोगों की भाषा कश्मीरी और डोगरी है किंतु इन भाषाओं को 70 साल तक राज्य की आधिकारिक भाषा नहीं बनाकर लोगों को उनकी आकांक्षाओं से वंचित रखा गया।