सुप्रीम कोर्ट के 3 जस्टिसों की पीठ के कल उस याचिका पर सुनवाई करने की उम्मीद है जिसमें दावा किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिसों के नाम का इस्तेमाल करके कथित तौर पर रिश्वत ली गई। यह रिश्वत कथित तौर पर एक मामले में अनुकूल फैसला कराने का वादा करके ली गई थी। जस्टिस जे चेलमेश्वर और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की पीठ ने 9 नवंबर को आदेश दिया था कि याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के 5 सर्वाधिक सीनियर जस्टिसों की पीठ सुनवाई करे।
हालांकि, 10 नवंबर को एक अप्रत्याशित सुनवाई में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 जस्टिसों की संविधान पीठ ने कहा था कोई भी जस्टिस खुद से किसी मामले पर सुनवाई नहीं कर सकता है, जब तक कि चीफ जस्टिस ने उसे आवंटित नहीं किया हो क्योंकि पीठ गठित करने और मामला आवंटित करने का विशेषाधिकार सीजेआई के पास है।
5 सदस्यीय पीठ ने जस्टिस जे चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ के आदेश को पलट दिया था। पीठ ने कहा था, अगर किसी पीठ ने इस तरह का कोई आदेश दिया है तो वह प्रभावी नहीं होगा क्योंकि वह संविधान पीठ के आदेश के विपरीत होगा।
अधिवक्ता कामिनी जायसवाल द्वारा दायर याचिका को अब कल अपराहन साढ़ तीन बजे जस्टिस आर के अग्रवाल, जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस ए एम खानविल्कर की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया गया है।
गत 10 नवंबर की सुनवाई ने शीर्ष कोर्ट के भीतर खींचतान को सतह पर ला दिया था। जस्टिसों से संबंधित कथित भ्रष्टाचार के मामले में बड़ पीठ गठित करने के दो जस्टिसों की पीठ के आदेश को संविधान पीठ ने पलट दिया था।