लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

योग्यता और वरिष्ठता के आधार पर होती है न्यायाधीशों की नियुक्ति: उच्चतम न्यायालय

उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया एक सुस्थापित प्रक्रिया के माध्यम से होती है, जिसमें उच्च न्यायालय का कॉलेजियम न्यायाधीशों की वरिष्ठता, योग्यता और सरकार द्वारा उनके बारे में प्राप्त सभी सूचनाओं पर विचार करता है।

देश में न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया पर कई तरह के सवाल उठाए जाते है। ऐसे में देश की सर्वोच्च अदालत ने एक तल्ख टिप्पणी में इस संबंध में पूरी सूचना दी। उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया एक सुस्थापित प्रक्रिया के माध्यम से होती है, जिसमें उच्च न्यायालय का कॉलेजियम न्यायाधीशों की वरिष्ठता, योग्यता और सरकार द्वारा उनके बारे में प्राप्त सभी सूचनाओं पर विचार करता है।
उच्चतम न्यायालय ने एक न्यायाधीश की पदोन्नति को रोकने की कोशिश करने तथा अदालती कार्यवाही का दुरुपयोग करने पर एक वकील पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए यह टिप्पणी की। न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने एक वकील की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। वकील ने अपनी याचिका में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ए वेंकटेश्वर रेड्डी को तेलंगाना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति करने के प्रस्ताव पर प्रस्तुत अपने विरोध-पत्र पर विचार करने और आदेश जारी करने की मांग की थी।
दरअसल, उच्चतम न्यायालय के तीन सदस्यीय कॉलेजियम ने 17 अगस्त को हुई बैठक में रेड्डी सहित छह न्यायिक अधिकारियों को तेलंगाना उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। देश की शीर्ष अदालत, अधिवक्ता बी शैलेश सक्सेना द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र, तेलंगाना और तेलंगाना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (सतर्कता और प्रशासन) को अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत विरोध-पत्र पर विचार करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।
याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ए वेंकटेश्वर रेड्डी के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं और कहा कि न्यायाधीश के रूप में उनकी पदोन्नति नहीं की जानी चाहिए। न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा, ‘‘हम याचिकाकर्ता की बेशर्मी को देखकर आश्चर्यचकित हैं, क्योंकि अब वह मौजूदा याचिका को भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर कर रहा है।’’ उच्चतम न्यायालय की पीठ ने कहा, ‘‘हमारा विचार है कि लागत की उचित वसूली ही एकमात्र समाधान प्रतीत होता है।
हम इस प्रकार रिट याचिका को खारिज करते हुए चार सप्ताह के भीतर सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड वेलफेयर फंड में पांच लाख रुपये जमा करने का निर्देश देते हैं। हम यह भी उचित समझते हैं कि बार काउंसिल ऑफ तेलंगाना याचिकाकर्ता की एक सदस्य के रूप में आचरण की जांच करे और उस उद्देश्य के लिए आदेश की एक प्रति तेलंगाना की बार काउंसिल को भेजी जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

16 + eleven =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।