राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस सदस्य जयराम रमेश ने नदियों को आपस में जोड़ने परियोजना से बहुपक्षीय नुकसान होने का दावा करते हुए सरकार से इस परियोजना को रोकने का अनुरोध किया। रमेश ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए नदियों को आपस में जोड़ने परियोजना को आगे बढ़ाने के जोखिम का जिक्र किया और कहा कि भारत की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति के मद्देनजर इस परियोजना से देश में मानसून तंत्र प्रभावित होने की आशंका है।
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रमेश ने जल प्रबंधन के क्षेत्र में कार्यरत अधिकतर विशेषज्ञों द्वारा इस बारे में जतायी गयी चिंता का हवाला देते हुये कहा कि इससे समुद्र में नदियों के साफ पानी का प्रवाह कम होगा। साथ ही व्यापक पैमाने पर भूक्षेत्र जलमग्न हो जायेगा और करोड़ों लोगों का विस्थापन होना तय है।
नतीजतन इस परियोजना से बड़े पैमाने पर आजीविका भी प्रभावित होगी। रमेश ने सुझाव दिया कि जलशक्ति मंत्रालय को देश के जलसंकट के समाधान के रूप में आगे बढ़ाई जा रही इस परियोजना को रोक देना चाहिये।