प्रधानमंत्री सुरक्षा चूक मामले की जांच कर रही सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी की चेयर पर्सन और पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्राको धमकी मिली है। ये धमकी उन्हें सिख फॉर जस्टिस की तरफ से दी गई है। इस संगठन ने धमकी भरे ऑडियो क्लिप जारी किए हैं। धमकी में कहा गया है कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी और सिखों में से किसी एक को चुनना होगा। बता दें कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों को इस मामले में धमकी भरे कॉल आए थ। वकीलों से भी प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा की चूक के मामले से दूर रहने को कहा गया था।
क्या था वौइस् नोट क्स्क्स
जानकारी के अनुसार, खालिस्तानी अलगाववादियों ने जस्टिस इंदु मल्होत्रा को धमकी देते हुए कहा है कि वे उन्हें PM मोदी की सुरक्षा सेंध मामले की जांच नहीं करने देंगे। वकीलों को रिकॉर्डेड कॉल आया है जिसमें कहा गया है कि इस मामले से दूर रहें।
पूर्व जस्टिस मल्होत्रा समेत कई वकीलों को एक वॉयस नोट भेजा गया है। इस वॉयस नोट में कहा गया है, ‘सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज को हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक मामले की जांच नहीं करने देंगे। पीएम मोदी और सिखों में से किसी एक चुनना होगा।’ आगे कहा गया, ‘हम सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की भी लिस्ट बना रहे हैं।’
क्या है मामला
5 जनवरी को पंजाब के बठिंडा से हुसैनीवाला जाते समय प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया था। पीएम को 20 मिनट तक ओवरब्रिज पर फंसने के बाद लौटना पड़ा था। इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई है। सुप्रीम कोर्ट की रिटायर जज इंदु मल्होत्रा इसकी अध्यक्षता करेंगी।
कौन हैं इंदु मल्होत्रा
स्टिस इंदु मल्होत्रा 27 अप्रैल, 2018 को सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनी थीं। करीब तीन साल की सेवा के बाद वह 21 मार्च 2021 को रिटायर हो गईं। उनके पिता ओमप्रकाश मल्होत्रा भी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील थे। अंतिम दिन वह चीफ जस्टिस बोबड़े की पीठ में बैठीं। जस्टिस इंदु मल्होत्रा केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर फैसला देने वाली पीठ में थीं। उन्होंने चार पुरुष न्यायाधीशों से अलग राय जाहिर की थी। पुरुष न्यायाधीशों ने महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश देने की बात कही थी, जबकि इंदु मल्होत्रा ने इसके खिलाफ राय दी थी। उन्होंने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश देने की मांग को गलत बताया था।