Supreme Court: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को भारत का अगला मुख्य न्यायाधीश (CJI) नियुक्त किया। न्यायमूर्ति खन्ना, जो वर्तमान में शीर्ष अदालत में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं, वर्तमान CJI डीवाई चंद्रचूड़ का स्थान लेंगे और 11 नवंबर, 2024 को पदभार ग्रहण करेंगे।
देश के अब नया चीफ जस्टिस मिल गया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने उत्तराधिकारी के नाम पर मुहर लगा दी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को जस्टिस संजीव खन्ना को भारत का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया है। जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर को देश के 51वें सीजेआई के रूप में शपथ लेंगे। जस्टिस खन्ना और चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ में एक कॉमन लिंक जिसके बारे में शायद ही किसी को पता होगा। दरअसल, दोनों का नेशनल इमरजेंसी के दौरान जबलपुर केस से लिंक जुड़ा है।
इमरजेंसी के दौरान एक केस के मामले में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक पीठ गठित की गई थी। इसमें जस्टिस संजीव खन्ना चाचा जस्टिस हंस राज खन्ना और वर्तमान सीजेआ डीवाई चंद्रचूड़ के पिता वाईवी चंद्रचूड़ दोनों थे। 1975-77 में इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल घोषित किया था। इस दौरान हजारों लोगों को जेल में ठूंस दिया गया था। जबलपुर के एडीएम केस में हिरासत में लिए गए या गिरफ्तार हुए किसी भी व्यक्ति को हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण या किसी अन्य रिट के माध्यम से राहत मांगने से रोक दिया गया था।
इसपर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ गठित हुई थी। इसमें 4 जजों ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया यानी सरकार के कदम को सही ठहराया। सही ठहराने वाले जजों में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के पिता भी शामिल थे। मगर जस्टिस खन्ना इकलौते जज थे, जिन्होंने सरकार से असहमति जताई थी। सरकार ने उनको पद से हटा दिया और उनके जूनियर एमएच बेग नियुक्त किया जो बाद में सीजेआई बने। हालांकि, पद से विरोध में एचआर खन्ना ने इस्तीफा दे दिया था।