कठुआ कांड की आठ साल की पीड़िता के परिजनों ने वकील दीपिका राजावत को मुकदमे में उनकी पैरवी करने से हटा दिया और कहा कि वह इस मामले की सुनवाई में कभी-कभार ही पेश होती हैं।
पीड़िता के परिजनों ने यहां जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में बुधवार को यह याचिका दायर की। न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद इस मामले की रोजाना सुनवाई कर रहे हैं।
गौरतलब है कि कठुआ के इस मामले में आठ साल की बच्ची की कथित रूप से बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि अदालत ने दीपिका को नोटिस जारी करके उनसे उनके मुवक्किलों द्वारा दायर याचिका पर 20 नवंबर तक जवाब देने का नोटिस दिया।
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अधिवक्ता मुबीन फारूकी द्वारा न्यायाधीश के सामने पेश किये गये पीड़िता के पिता ने अदालत को बताया कि वह दीपिका के पक्ष में किया गया समझौता वापस ले रहे हैं क्योंकि वह रोजाना की सुनवाई में कभी-कभार ही आती हैं। इस मामले की सुनवाई बीते पांच महीने से चल रही है।
पीड़िता की ओर से जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा पहले से ही पैरवी की जा रही है। इस मामले में राज्य की तरफ से दो वकील और पठानकोट जिला अटार्नी जगदीश्वर कुमार चोपड़ा दलीलें पेश कर रहे हैं।
एक घुमंतू आदिवासी समुदाय की आठ साल की बच्ची का 10 जनवरी को कथित रूप से अपहरण कर लिया गया था और वह 17 जनवरी को मृत मिली थी। आरोप है कि सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी।