एक ओपिनियन पोल सर्वे में यह बात निकलकर सामने आई है कि इस वर्ष के अंत में होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी लगातार चौथी बार सरकार बनाने में कामयाब रहेगी। इसकी मुख्य वजह होंगे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनका प्रदेश की जनता से अनोखा रिश्ता। सर्वे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेता बताए गए हैं। इसका कारण राज्य की जनता में उनकी माटी पुत्र, महिला हितैषी, राज्य के मामा और जनता के लिए सुलभ छवि का होना बताया गया है। वहीं कांग्रेस के पास ऐसा कोई भी नेता नहीं है जो शिवराज सिंह की सर्वमान्य छवि के बराबर दर्जा रखता हो। कांग्रेस के नेता राज्य में लोकप्रिय तो हैं लेकिन उनकी लोकप्रियता का दायरा बेहद सीमित है। मुख्यमंत्री के रूप में पसंदीदा चेहरे के रूप में 61 प्रतिशत लोगों ने शिवराज सिंह चौहान को अपना पसंदीदा चेहरा बताया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को 17 प्रतिशत, अजय सिंह राहुल को 6 प्रतिशत, दिग्विजय सिंह को 5 प्रतिशत और कमलनाथ को 6 प्रतिशत लोगों ने मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पसंद बताया है। सर्वे के दौरान प्रदेश अध्यक्ष रहे अरूण यादव को मात्र 2 प्रतिशत लोगों ने मुख्यमंत्री के रूप में पसंद किया है।
ओपिनियन पोल सर्वे में आमजनता से चुनाव में आप वोट किस आधार पर देते हैं यह सवाल भी पूछा गया। इस सवाल के जवाब में 31 प्रतिशत लोगों ने वोट देने का आधार शिवराज सिंह चौहान को बताया। सर्वे में 28 प्रतिशत लोगों ने पार्टी को सामने रखकर वोट देने को आधार बताया। सर्वे में विकास कार्यों के आधार पर 18 प्रतिशत, जाति के आधार पर 4 प्रतिशत, महिला हितैषी नीतियों के कारण 5 प्रतिशत, गरीब हितैषी योजनाओं के कारण 3 प्रतिशत और किसान समर्थक योजनाओं के कारण 3 प्रतिशत लोगों ने वोट करने को आधार बताया है। सर्वे में 5 प्रतिशत लोग ऐसे थे जो केन्द्र में भाजपा सरकार होने के कारण वोट करना पसंद करते हैं।
ओपिनियन पोल में यह बात भी सामने आई है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कद मध्यप्रदेश की जनता के बीच बहुत बड़ा है। मध्यप्रदेश में करीब एक दशक से वोट भारतीय जनता पार्टी के नाम से कही अधिक शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर दिया जाता है। ओपिनियन पोल के सर्वे में यह झलक देखने को मिली है कि विकास के मुद्दों पर शिवराज सरकार को जिन कारणों से पसंद किया गया है उनमें इंफास्ट्रक्चर का विकास प्रमुख मुद्दा रहा है। ओपिनियन पोल में 34 प्रतिशत लोगों ने इंफास्ट्रक्चर के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल होने के कारण प्रदेश की शिवराज सरकार को पसंद किया है। शिवराज सरकार को 51 प्रतिशत लोगों ने सामाजिक विकास की योजना के कारण पसंद किया है। सर्वे में 15 प्रतिशत ऐसे लोग थे जिन्होंने इंफास्ट्रक्चर और सामाजिक विकास के कारण शिवराज सिंह सरकार को पसंद किया है। टाइम्स नाऊ के ओपिनियन पोल में 31 प्रतिशत लोगों ने बिजली के क्षेत्र में, 26 प्रतिशत लोगों ने सिंचाई के क्षेत्र में, 28 प्रतिशत लोगों ने सड़क के क्षेत्र में हासिल की गई उपलब्धि के कारण शिवराज सरकार को पसंद किया है। विकास के अन्य मुद्दों पर महिला हितैषी नीति के कारण 62 प्रतिशत लोगों ने, 22 प्रतिशत लोगों ने किसान हितैषी योजनाओं के कारण और 16 प्रतिशत लोगों ने गरीब हितैषी योजनाओं के कारण शिवराज सरकार को अपनी पसंद बताया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिस तरह अपने एक दशक से भी अधिक के कार्यकाल में मध्यप्रदेश को पिछड़ेे राज्यों की श्रेणी से विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने में कामयाब रहे हैं, उसे हर वर्ग की जनता ने स्वीकारा भी है। सर्वे में किसानों और महिलाओं के विकास की योजनाएं और बिजली की बेहतर व्यवस्था जैसी आधारभूत सुविधाएं प्रदेश के लोगों द्वारा शिवराज सरकार को पसंद करने का महत्वपूर्ण कारण रही हैं।
15 साल बाद भी कांग्रेस नापसंद क्यों?
मध्यप्रदेश की जनता भले ही शिवराज सरकार से थोड़ा बहुत नाराज हो लेकिन 15 साल के बाद भी कांग्रेस को नापसंद करती है। कुल 32 प्रतिशत लोगों ने माना है कि कांग्रेस के पास शिवराज सिंह चौहान जैसे सर्वमान्य नेता का अभाव है। 15 प्रतिशत लोगों को आज भी दिग्विजय सरकार के कष्टप्रद दिन याद हैं। इसके साथ ही 15 प्रतिशत लोग मानते हैं कि कांग्रेस विपक्ष के रूप में संघर्ष नहीं करती है। कुल 8 प्रतिशत लोगों ने इसके लिये कांग्रेस की गुटबाजी को भी जिम्मेदार माना है। सर्वेक्षण में 32 प्रतिशत लोगों ने माना है कि कांग्रेस को ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लडऩा चाहिये। सर्वे में 15 प्रतिशत ने अजय सिंह राहुल, 13 प्रतिशत ने कमलनाथ और 11 प्रतिशत ने दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में चुनाव लडऩे की बात कही है।
दिग्विजय सरकार एवं शिवराज सरकार की तुलना
ओपिनियन पोल के सर्वे में 71 प्रतिशत लोगों ने शिवराज सरकार को बेहतर माना है। मात्र 2 प्रतिशत ने दिग्विजय सरकार को बेहतर माना है। इससे स्पष्ट है कि दिग्विजय सरकार के कारनामों को जनता अभी भूली नहीं है। कांग्रेस अन्य दलों से गठबंधन कर भी बीजेपी का सामना नहीं कर सकती। सर्वे में 38 प्रतिशत लोगों ने राय व्यक्त की है कि कांग्रेस दूसरे सभी राजनीतिक दलों से गठबंधन करती है तो उसे लाभ मिल सकता है। कांग्रेस को अन्य दलों के साथ गठबंधन करने से भी लाभ नहीं होने की बात 36 प्रतिशत लोगों ने कही है। इस संबंध में कोई राय नहीं रखने वाले लोग 15 प्रतिशत ने हैं जबकि 11 प्रतिशत ने स्पष्ट कहा कि इस पर कोई राय नहीं देंगे। हालांकि प्रदेश में क्षेत्रीय दलों का प्रभाव अन्य राज्यों की तुलना में न के बराबर है।
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