दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने NGT में सुनवाई के दौरान लैंडफिल का विरोध करने को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल और सीएम अरविंद केजरीवाल को खून से खत लिखा है।
पत्र में कपिल मिश्रा ने कहा है कि अगर एनजीटी की कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने लैंडफिल का विरोध नहीं किया तो मैं पांच मई 2018 सुबह आठ बजे से आमरण अनशन पर बैठ जाऊंगा।
कपिल मिश्रा ने कहा किसी भी कीमत पर यमुना की जमीन पर लैंडफिल साइट नहीं बनने दी जाएगी। चाहे इसके लिए खून की एक एक बूंद भी कुर्बान क्यों न करनी पड़े। उन्होंने कहा कि यदि कल NGT कोर्ट में सुनवाई से राहत नहीं मिलती है तो वह आने वाले शनिवार से आमरण अनशन करेंगे।
गौरतलब है कि ‘आप’ पार्षद मनोज त्यागी, पार्षद कुलदीप कुमार, और घोंडा से विधायक श्रीदत्त शर्मा ने एक सामुहिक याचिका उत्तर-पूर्वी दिल्ली के करावल नगर और घोंडा इलाके में कुड़े के निस्तारण के लिए आवंटित जमीन के खिलाफ एनजीटी में दायर की है इसी विरोध का आगे बढ़ाते हुए दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने खून से खत लिखा है।
वहीं आम आदमी पार्टी ने इसे नाटक करार दिया है। इस पर कपिल मिश्रा ने कहा कि अगर एक नाटक से बीस लाख लोगों की जान की रक्षा होती है तो नाटक ही अच्छा है। कुछ समय पहले आम आदमी पार्टी की ओर से दिलीप कुमार पांडे समेत पांच लोगों ने याचिका दायर की थी, जिसमें केंद्र और डीडीए समेत संबंधित पक्षों को संबंधित इलाके के पर्यावरण से छेड़छाड़ रोकने के लिए कहा गया था।
आप नेता दिलीप पांड द्वारा दायर की गई याचिका में डीडीए को जमीन आवंटन रद्द, डीपीसीसी और सीपीसीबी समेत संबंधित अथॉरिटीज को इलाके की इम्पैक्ट स्टडी करने का निर्देश देने की मांग की थी, वहीं कपिल मिश्रा ने इन सब मांगों के साथ डीडीए पर जुर्माना लगाने की भी बात कही है।
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