कांग्रेस के वरिष्ठ गुलाम नबी आजाद को मिले पद्म भूषण सम्मान के बाद पार्टी दो खेमो में बंट गई है। एक तरफ जहां जयराम रमेश और कपिल सिब्बल ने इसपर सवाल खड़े किए तो, वहीं दूसरी तरफ आज़ाद का समर्थन करने वाले नेताओं में एक और नाम जुड़ गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने आजाद का खुला समर्थन करते हुए ने कहा कि ये अनुचित विवाद है, पद्म पुरस्कार के लिए आजाद की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना की जानी चाहिए।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने गुरुवार को कहा कि वह गुलाम नबी आजाद को मिले पद्म भूषण सम्मान की सराहना करते हैं। वह इस पर शुरू हुए अनुचित विवाद से ”परेशान” हैं जबकि आजाद की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना की जानी चाहिए।
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दरअसल, आज़ाद को पद्म सम्मान मिलने की घोषणा के बाद सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। बधाई हो भाईजान। यह विडंबना है कि कांग्रेस को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है जबकि राष्ट्र सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को स्वीकार करता है।’’
वहीं जयराम रमेश पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की ओर से पद्म भूषण सम्मान को अस्वीकार किए जाने को लेकर आजाद पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, ‘‘यही सही चीज थी करने के लिए। वह आजाद रहना चाहते हैं गुलाम नहीं।’’ गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के उस ‘जी 23’ का हिस्सा हैं जिसने 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन और जमीन पर सक्रिय अध्यक्ष की मांग की थी।