आज पूरा देश ‘कारगिल विजय दिवस’ की 20वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस मौके पर जम्मू-कश्मीर के द्रास में बने कारगिल वार मेमोरियल को दुल्हन की तरह सजाया गया है। इसके अलावा देश के अन्य इलाकों में भी कारगिल दिवस की खुशी में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
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– राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने श्रीनगर के बादामी बाग छावनी में श्रद्धांजलि अर्पित की।
– महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कारगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगांठ पर कोलाबा में शहीद समारक में श्रद्धांजलि अर्पित की।
– सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत से यह पूछे जाने पर कि कारगिल विजय दिवस पर आप पाकिस्तान को क्या संदेश देंगे, उन्होंने कहा यह मत करो। गलतियां आम तौर पर दोहराई नहीं जाती हैं। आपको अगली बार खून से सनी हुई नाक मिलेगी। द्रास में सेना प्रमुख ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति बनी रहे, स्थिति नियंत्रण में है।
– द्रास में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि मैं अपने देशवासियों को बताना चाहता हूं कि आप निश्चिंत रहें कि रक्षा सेवाओं को दिया गया कोई भी काम हमेशा पूरा किया जाएगा चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न हो। हमारे सैनिक हमारी सीमाओं की रक्षा करते रहेंगे।
– सेना प्रमुख जनरल ने कहा कि हम अपनी इन्वेंट्री को आधुनिक बनाने पर विचार कर रहे हैं। हमारा ध्यान आर्टिलरी हथियार प्रणाली पर है। उन्होंने बताया कि 2020 तक हम होवित्जर प्राप्त करेंगे। के -9 वज्र का निर्माण अब देश में किया जा रहा है और दो बोफोर्स जैसे बंदूकें स्थानीय स्तर पर निर्मित की जा रही हैं।
– एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ, आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत और नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह ने द्रास में कारगिल वार मेमोरियल पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
– राष्ट्रपति रा नाथ कोविंद का शुक्रवार को प्रस्तावित द्रास दौरा खराब मौसम के कारण रद्द कर दिया गया। राष्ट्रपति कारगिल जिला के द्रास कस्बे में कारगिल विजय की 20वीं सालगिरह पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे। अधिकारियों ने कहा कि कार्यक्रम की अध्यक्षता तीनों सेनाओं के अध्यक्ष राष्ट्रपति करने वाले थे। कार्यक्रम अब श्रीनगर शहर में सेना की 15वीं कॉर्प्स के बादामी बाग मुख्यालय पर आयोजित होगा।
– J-K: कारगिल युद्ध में हिस्सा लेने वाले लड़ाकू विमानों द्वारा फ्लाई पास्ट को द्रास में खराब मौसम के कारण भी बंद कर दिया गया है।
– सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने 20वें कारगिल विजय दिवस पर जम्मू और कश्मीर के द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
– कर्नाटक के शिवमोंगा में कारगिल विजय के उपलक्ष्य में भारतीय जवानों को समर्पित एक पार्क का उद्घाटन किया गया।
– रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। राजनाथ सिंह शुक्रवार सुबह नौ बजे इंडिया गेट स्थित युद्ध स्मारक पहुंचे और मातृभूमि की रक्षा में प्राण न्यौछावर करने वाले देश के वीर सपूतों को पुष्पांजलि अर्पित की। उनके साथ रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद यशो नायक और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भी शहीदों को नमन किया।
– कारगिल विजय दिवस के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीदों को नमन करते हुए अपने ट्वीट में कहा कि कारगिल विजय दिवस पर मां भारती के सभी वीर सपूतों का मैं हृदय से वंदन करता हूं। यह दिवस हमें अपने सैनिकों के साहस, शौर्य और समर्पण की याद दिलाता है। इस अवसर पर उन पराक्रमी योद्धाओं को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। जय हिंद!
– वहीं, मिसाइल रेजिमेंट नाइक दीपचंद ने कहा, युद्ध के दौरान मेरी बटालियन ने 10 हजार राउंड फायर किए थे। मुझे इस बात का गर्व है। हमारे मन में केवल एक ही लक्ष्य था कि दुश्मन को हराना है। मैं उन सैनिकों को श्रद्धांजलि देने आया हूं, जिन्होंने करगिल युद्ध में अपनी जान गंवाई।
– 1999 में करगिल युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले कैप्टन सौरभ कालिया के पिता एनके कालिया ने कहा, भारतीय सरकार ने उरी और पुलवामा हमलों के बाद कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि जब IAF के अभिनंदन पर पाकिस्तान ने कब्जा कर लिया था। अगर 1999 में भी ऐसी ही कार्रवाई की जाती, तो हमारे सैनिकों के साथ पाक द्वारा बुरा व्यवहार नहीं किया जाता।
– राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कारगिल दिवस पर ट्वीट में लिखा,”कारगिल विजय दिवस’ हमारे कृतज्ञ राष्ट्र के लिए 1999 में कारगिल की चोटियों पर अपने सशस्त्र बलों की वीरता का स्मरण करने का दिन है। हम इस अवसर पर, भारत की रक्षा करने वाले योद्धाओं के धैर्य और शौर्य को नमन करते हैं हम सभी शहीदों के प्रति आजीवन रिणी रहेंगे। जय हिंद।”
– कर्नाटक के शिवमोंगा में कारगिल विजय के उपलक्ष्य में भारतीय जवानों को समर्पित एक पार्क का निर्माण कराया गया है जिसका आज उद्घाटन किया जाएगा।
1999 में कारगिल की चोटियों पर भारतीय सैनिकों की वीर गाथा
साल 1999 में आज ही के दिन भारत माता के वीर सपूतों ने करगिल में पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था कारगिल युद्ध, जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है, भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के करगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम है। पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार करके भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की। पाकिस्तान ने दावा किया कि लड़ने वाले सभी कश्मीरी उग्रवादी हैं, लेकिन युद्ध में बरामद हुए दस्तावेज़ों और पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से साबित हुआ कि पाकिस्तान की सेना प्रत्यक्ष रूप में इस युद्ध में शामिल थी। लगभग 30,000 भारतीय सैनिक और करीब 5,000 घुसपैठिए इस युद्ध में शामिल थे।