कर्नाटक की मची राजनीति उठापटक को लेकर कांग्रेस ने बेंगलुरु में सोमवार को विधानमंडल दल की बैठक बुलाई है। बीते कई दिनों से कर्नाटक में लगातार बैठकों का दौर जारी है। बागी विधायकों के मनाने के लिए पर्त लगतार जोर लगा रही है।वहीं आज कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार ने आज कहा, मुझे अपने सभी विधायकों पर भरोसा है। वे कांग्रेस पार्टी से चुने गए हैं और वे लंबे समय से वहां हैं। वे बाघों की तरह लड़े हैं।
उन्होंने कहा, कॉन्फिडेंस मोशन के समय, वे कानून से भी अच्छी तरह से सुसज्जित हैं। कानून बहुत स्पष्ट है। अगर वे कॉन्फिडेंस मोशन के खिलाफ वोट करते हैं, तो वे अपनी सदस्यता खो देंगे। कांग्रेस पार्टी उनकी मांगों को निपटाने के लिए तैयार है। हमें संकेत मिल रहे हैं कि वे हमारे सरकार को बचा लेंगे।
कर्नाटक में बागी विधायकों को मनाने के लिए एक ओर जहां सत्तारूढ कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन के नेता हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, वहीं विपक्षी बीजेपी के नेता भी सरकार को गिराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारामैया, जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार तथा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव पार्टी के प्रमुख बागी विधायक तथा मंत्री एम. टी. बी. नागराज को मनाने में सफल रहे हैं।
बताया जाता है कि नागराज ने पार्टी में बने रहने का वादा किया है। कांग्रेस नेताओं की निगाहें अब दो अन्य प्रमुख बागी विधायकों रामलिंगा रेड्डी और के. सुधाकर पर टिकी हुई है। कांर्ग्रेस के प्रबंधक एवं नेता अब इन दोनों विधायकों से संपर्क स्थापित करने के प्रयास में जुटे हुए हैं। गौरतलब है कि नागराज, रेड्डी और सुधाकर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले 13 विधायकों में शामिल हैं। इनमें कांग्रेस के 10 और जद (एस) के तीन विधायक शामिल हैं।
कांग्रेस के शीर्ष नेता शनिवार को पूरे दिन गत गुरुवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले नागराज को मनाने में जुटे रहे। अब पार्टी नेता सुधाकर से संपर्क स्थापित करने में जुटे हैं ताकि उनकी सोच को बदलकर गठबंधन सरकार को बचाया जा सके।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक शनिवार की शाम को मुंबई रवाना होने वाले सुधाकर से कथित तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने संपर्क किया गया था और उनसे अन्य बागी विधायकों का साथ छोड़ने और चर्चा के लिए बेंगलुरु लौटने का अनुरोध किया है। पिछले गुरुवार को जब सुधाकर ने विधानसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंपा था उसके तुरंत बाद कांग्रेस नेताओं ने उनसे हाथापाई की थी।
बताया जाता है कि सुधाकर ने गठबंधन के नेताओं द्वारा भेजे गए संदेश पर सकारात्मक रूप से प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस बीच, विपक्षी बीजेपी के नेता बीएस येद्दियुरप्पा ने एक अन्य कांग्रेस विधायक और जल संसाधन मंत्री डी। के। शिवकुमार की करीबी विधायक लक्ष्मी हेब्बालकर के बीजेपी में शामिल होने के बारे में मीडिया रिपोर्टों से साफ इन्कार किया है।
मीडिया की खबरों का खंडन करते हुए उन्होंने कहा,‘‘हेब्बालकर को पार्टी में शामिल करने की कोई योजना नहीं है और मीडिया में इस संबंध में दिखाई देने वाली रिपोर्ट सच्चाई से परे है।’’ इस बीच, कर्नाटक में जद (एस) -कांग्रेस गठबंधन सरकार को बचाने के लिए एआईसीसी (कांग्रेस) ने कथित तौर पर वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से बेंगलुरु जाने है और इस मुद्दे का हल निकालने के लिए कहा है।
सूत्रों ने कहा कि दोनों नेताओं के आज शाम तक यहां पहुंचने और गठबंधन सरकार को बचाने के लिए राज्य कांग्रेस नेताओं के प्रयासों में शामिल होने की उम्मीद है।