सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफों पर अपनी इच्छा से फैसला लेने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “कर्नाटक अध्यक्ष को एक समय सीमा के भीतर फैसला लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।”
साथ ही बागी विधायकों को लेकर कोर्ट ने कहा, विधायकों को सदन की कार्रवाई में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। प्रमुख न्यायधीश रंजन गोगोई ने कहा कि मामले में संवैधानिक संतुलन बनाना जरूरी है, जो सवाल उठे हैं उनके जवाब बाद में तलाशे जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले कर्नाटक के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता बी.एस. येदियुरप्पा ने हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया है, वे प्रभावित नहीं होंगे। कल सीएम विश्वास प्रस्ताव को स्थानांतरित करने जा रहे हैं, वह जनादेश खो देंगे, साथ ही देखते हैं कि क्या होता है।
बागी विधायकों के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा, कल के लिए रखे गए ट्रस्ट वोट के मद्देनजर SC ने दो महत्वपूर्ण बातें कही हैं- 15 विधायक कल सदन में उपस्थित होने के लिए बाध्य नहीं होंगे। सभी 15 विधायकों को स्वतंत्रता दी जाती है जो कल सदन में जा सकते हैं या नहीं। विधायकों कल सदन में उपस्थित होने के खिलाफ जारी तीन-लाइन व्हिप एससी फैसले के मद्देनजर ऑपरेटिव नहीं है। दूसरा , अध्यक्ष को इस्तीफे के बारे में फैसला करने के लिए समय दिया गया है कि वह कब और क्या फैसला करना चाहता है।
कोर्ट ने कहा है कि इस मामले को बाद की तारीख में पूरी तरह से खारिज कर दिया जाएगा। BJP नेता जगदीश शेट्टार ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा की HD कुमारस्वामी की वजह से राज्य में अराजकता है, उन्हें इस फैसले के तुरंत बाद इस्तीफा दे देना चाहिए और विश्वास मत का इंतजार नहीं करना चाहिए।
बीजेपी नेता येदियुरप्पा ने कहा, निश्चित रूप से सरकार नहीं चलेगी क्योंकि उनके पास संख्या नहीं है। कर्नाटक के सीएम ने अपना जनादेश खो दिया है, जब कोई बहुमत नहीं है तो उन्हें कल इस्तीफा देना चाहिए। मैं SC के फैसले का स्वागत करता हूं, यह संविधान और लोकतंत्र की जीत है, विद्रोही विधायकों के लिए एक नैतिक जीत है। यह केवल एक अंतरिम आदेश है, SC भविष्य में स्पीकर की शक्तियां तय करेगा।
वहीं कोर्ट के फैसले पर कर्नाटक के अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने कहा, मैं यह निर्णय लूंगा कि किसी भी तरह से संविधान, कोर्ट और लोकपाल के विपरीत नहीं जाएंगे। गौरतलब है की मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला बुधवार के लिए सुरक्षित रख लिया था।
बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किए जाने को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता बागी विधायकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने खंडपीठ के समक्ष दलील दी कि सभी 10 याचिकाकर्ताओं ने गत 10 जुलाई को इस्तीफा दे दिया है और उनमें से केवल दो को अयोज्ञ घोषित करने की कार्यवाही के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।