कर्नाटक में मचे सियासी संग्राम बीच आज मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी विधानसभा में बहुमत साबित कर सकते है। आज कर्नाटक विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है।15 विधायकों के इस्तीफे के साथ इस गठबंधन की सरकार पर उठे सवालों का हल विधानसभा में विश्वास मत के साथ हो सकता है। वहीं बीजेपी विधायक रामदास होटल से विधानसभा के लिए रवाना हो चुके है।
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– विधानसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार ने कहा, बीजेपी क्यों नहीं मान रही है कि वह कुर्सी चाहती है। वे इस तथ्य को स्वीकार क्यों नहीं कर रहे हैं कि वे ‘ऑपरेशन कमल’ के पीछे हैं? उन्हें स्वीकार करना चाहिए कि उन्होंने इन बागी विधायकों से बात की है।
– कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही शुरु होने पर बीजेपी ने फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया सोमवार को ही पूरा करने पर जोर दिया।
– कांग्रेस नेता और राज्य मंत्री डीके शिवकुमार कर्नाटक विधानसभा पहुंचे चुके है।
– विधानसभा अध्यक्ष ने कहा की आज आपके भाषणों सुनिश्चित करेंगे कि विधानसभा की गरिमा को जीवित रखा जाए। ये समय के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रणनीति है। यह विधानसभा अध्यक्ष की छवि और विधायकों के रूप में आपकी भी छवि को नुकसान पहुंचता है।
– विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने कहा, मुझे आज सत्तारूढ़ होना पड़ेगा। मुझे देरी हो रही थी क्योंकि मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जांच कर रहा था।
– सुप्रीम कोर्ट में निर्दलीय विधायकों द्वारा दायर पर कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया है। मुकुल रोहतगी ने निर्दलीय विधायकों की तरफ से मामला उठाया तो CJI रंजन गोगोई ने कहा असंभव, आज सुनवाई नहीं हो सकती है। विधायकों ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट को जल्द करवाने की अपील की थी।
– कर्नाटक के अध्यक्ष KR रमेश कुमार ने 23 जुलाई को सुबह 11 बजे अपने कार्यालय में उनसे मिलने के लिए विद्रोही विधायकों को बुलाया। गठबंधन नेताओं द्वारा अयोग्य ठहराए जाने (विद्रोही विधायकों की) याचिका पर नोटिस जारी किया गया।
मुंबई में बागी विधायकों ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि वे कांग्रेस-जेडीएस को सबक सिखाना चाहते हैं और अपने फैसले पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी तरह के लालच में नहीं आए हैं। उनके रुख में बीजेपी की कोई भूमिका नहीं है। एक बार सबकुछ ठीक हो जाए तो वे वापस बेंगलुरु लौट जाएंगे।
गौरतलब है की आज कर्नाटक विधानसभा में होने वाले टेस्ट से यह साफ हो जाएगा की कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार सत्ता में रहेगी या नहीं। यही कारण है कि कांग्रेस और जेडीएस की तरफ से सरकार बचाने को लेकर कोशिशें हो रही हैं। ऐसे में कुमारस्वामी के लिए मुख्यमंत्री पद त्याग कर सरकार बचाना आखिरी रास्ता हो सकता है।