कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए फैसले का दिन आ गया है। 13 मई को सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होगी। पहले डाक मतपत्रों की गिनती होगी, इसके बाद ईवीएम खुलना शुरू होगी। 8.30 बजे से रुझान आना शुरू हो जाएंगे और 12 बजे तक स्थिति साफ होने की उम्मीद है। कर्नाटक में अभी भाजपा की सरकार है। इससे पहले हर 5 साल में सत्ता की अदला-बदली का रिवाज रहा है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मतगणना 13 मई को होगी। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस चुनाव में सीएम बसवराज बोम्मई, पूर्व सीएम सिद्धारमैया, कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की किस्मत का भी फैसला होगा। साथ ही सरकार को लेकर भी स्थिति दोपहर तक स्पष्ट हो जाएगी।
आपको बात दे कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बुधवार को रिकॉर्ड 73.19 प्रतिशत मतदान के बाद शनिवार को होने वाली मतगणना के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं।
इस चुनाव में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्दारामैया और डी के शिवकुमार के अलावा जनता दल (सेकुलर) के नेता एच डी कुमारस्वामी का भविष्य तय होगा। राज्य में विधानसभा की 224 सीटों के लिए 10 मई को मतदान हुआ था।
पूरे कर्नाटक में 36 केन्द्रों पर मतगणना कल प्रात: आठ बजे शुरू होगी और दोपहर तक तस्वीर साफ हो जाने की उम्मीद है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए पूरे कर्नाटक में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव की मतगणना से एक दिन पहले सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस दोनों ने शुक्रवार को अपनी-अपनी रणनीति पर चर्चा की और निर्दलीय उम्मीदवारों को टिकट देने पर मंथन किया।
चुनाव के बाद के विभिन्न सर्वेक्षणों में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी लड़ाई का संकेत देने के साथ, दोनों दलों की नजर जीतने योग्य निर्दलीय उम्मीदवारों पर है।
कांग्रेस महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित अन्य नेताओं के बीच गहन चर्चा हुई।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेताओं ने नवनिर्वाचित विधायकों को एकजुट रखने के तरीकों पर चर्चा की और स्पष्ट जनादेश के अभाव में निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क करने पर भी विचार-विमर्श किया।
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 104 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। कांग्रेस को 80 और जनता दल सेक्युलर को 37 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को 38.04 प्रतिशत वोट मिले थे, इसके बाद भाजपा ने 36.22 फीसदी मत हासिल किये थे। जनता दल सेक्युलर को 18.36 फीसदी मत मिले थे।
भाजपा ने सबसे ज्यादा सीटें जीतने के बाद पार्टी नेता बी एस येदुयुरप्पा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था, लेकिन विश्वास मत हासिल करने से पहले ही तीन दिनों के भीतर सरकार गिर गयी थी। सरकार बनाने के बावजूद भाजपा बहुमत का आंकड़े जुटा पाने में असमर्थ रही थी।
इसके बाद कांग्रेस-जनता दल सेक्युलर ने मिलकर कर्नाटक में सरकार बनायी थी और श्री कुमारस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। चौदह महीने के भीतर ही हालांकि यह सरकार भी गिर गयी थी क्योंकि कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर के 17 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था और सभी भाजपा में शामिल हो गये थे।
वर्ष 2019 में हुए उपचुनावों में भाजपा ने 15 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद भाजपा ने फिर सरकार बनायी थी।