कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने असंतुष्ट विधायकों के इस्तीफों पर फैसला करने की जिम्मेदारी उन्हें देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बुधवार को स्वागत किया और कहा कि वह संविधान के सिद्धांतों के अनुसार अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे।
न्यायालय ने बुधवार को निर्देश दिए कि कांग्रेस और जद(एस) के 15 अंसतुष्ट विधायकों को कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने के लिए “बाध्य ना” किया जाए। कर्नाटक विधानसभा में 18 जुलाई को एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के विश्वास मत पर फैसला होना है।
विधायकों के इस्तीफे पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के फौरन बाद रमेश कुमार ने कहा, “मैं पूरी विनम्रता के साथ सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत और सम्मान करता हूं।” उन्होंने अपने गृह नगर कोलार में पत्रकारों से कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने मुझ पर अतिरिक्त जिम्मेदारी डाल दी है, मैं संवैधानिक सिद्धांतों के अनुसार अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा।”
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार अपने द्वारा तय की गई अवधि के भीतर असंतुष्ट विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। न्यायालय ने यह भी कहा कि अध्यक्ष का फैसला उसके समक्ष पेश किया जाए।