सरकार ने स्पष्ट किया है कि करतारपुर गलियारे के बारे में 14 मार्च को होने वाली बातचीत को पाकिस्तान के साथ वार्ता प्रक्रिया शुरू होने से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में सवालों के जवाब में कहा, ‘‘ मैं स्पष्ट कर रहा हूं कि करतारपुर बातचीत का मतलब संवाद शुरू होने से बिल्कुल नहीं है। यह भारतीय नागरिकों की भावनाओं और विचारों से जुड़ मामला है तथा इस विषय पर बात करना करतारपुर साहिब गलियारे को शुरू करने से संबंधित निर्णय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को बताता है। ’’ पाकिस्तान ने इस बैठक को लेकर कुछ संशय प्रकट किया था लेकिन भारत ने कभी इस तरह की बात नहीं की।
‘‘आपको समझना होगा कि इसका मतलब वार्ता प्रक्रिया शुरू करने से नहीं है। यह सिख नागरिकों की भावनाओं के सम्मान से जुड़ है। यह बहुत पुरानी मांग है और 14 मार्च को होने वाली बैठक इसीसे जुड़ है। ’’ पाकिस्तान का एक शिष्टमंडल करतापुर गलियारे के बारे में बातचीत के लिए 14 मार्च को अटारी आयेगा और इसी तरह भारत का एक शिष्टमंडल इस माह के अंत में दूसरे दौर की बातचीत के लिए पाकिस्तान जा सकता है। सूत्रों ने इस बारे में बताया कि अभी तारीखों के बारे में अंतिम निर्णय नहीं हो सका है। विदेश मंत्रालय ने 6 मार्च को जारी एक वक्तव्य में कहा था कि भारत चाहता है कि गलियारे के तकनीकी पहलुओं पर भी उसी दिन अलग से बातचीत हो जाये।