नई दिल्ली : कश्मीर टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बड़ी सफलता मिली है। एनआईए ने कार्रवाई करते हुए 9 लोगों को गिरफ्तार किया है और इनके पास से करीब 37 करोड़ रुपये के अवैध नोट (500 और 1000 रुपये के प्रतिबंधित नोट) जब्त किए हैं।
एनआईए के अधिकारी के मुताबिक, ‘सोमवार को दिल्ली के कनॉट प्लेस के पास जय सिंह रोड से जांच एजेंसी ने 4 लग्जरी गाड़ियों पर रखे गये अवैध नोटों (500 और 1000 रुपये) के 28 कार्टून को जब्त किया और 9 लोगों को हिरासत में लिया गया।’ एनआईए ने इन संदिग्धों के पास से 36 करोड़ 34 लाख 78 हजार 500 रुपये बरामद किए हैं।
शीर्ष सरकारी सूत्रों के अनुसार टेरर फंडिंग के इस अड्डे से ISI के द्वारा संभवत: जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों की फंडिंग की जाती थी। NIA ने 36,34,78,500 रुपये के पुराने (नोटबंदी के पहले वाले) नोट बरामद किए हैं। सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा बलों द्वारा एनकाउंटर में जैश के मुखिया मसूद अजहर का भांजा तल्हा इसी संबंध में मारा गया गया है। इस भारी नकदी का इस्तेमाल कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को सक्रिय रखने के लिए किया जाता था।
इसके बाद हिरासत में लिये गए सातों लोगों को एनआईए मुख्यालय लाया गया और उनसे पूछताछ किया गया। उनकी निशानदेही पर तीन और लोगों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने मंगलवार को सभी को गिरफ्तार कर लिया।
गौरतलब है कि आतंकवाद और सीमा पार से आने वाली फंडिंग पर अंकुश के मामले में नोटबंदी काफी कारगर साबित हुई है। नोटबंदी के बाद सरकार ने आतंकवादियों के फंडिंग की कमर तोड़ दी है, तो दूसरी तरफ जमीन पर सुरक्षा बल आतंकियों के खात्मे के लिए ताबड़तोड़ अभियान चला रहे हैं। इस तरह के कई मोर्चों पर हमले करने वाली रणनीति से सरकार को आतंकी नेटवर्क को कमजोर करने में मदद मिली है।