कठुआ गैंगरेप पीड़िता की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर सरकार से पीड़िता के परिवार और उनके वकील को पुलिस सुरक्षा देने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट में इस पर अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी। पीड़िता के परिवार और वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके इस केस को जम्मू-कश्मीर से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की है। पीड़िता के परिवार के तरफ से सुप्रीम कोर्ट की सीनियर वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि निष्पक्ष जांच के लिए वहां का माहौल सही नहीं है।
उन्होंने कोर्ट से कहा कि इस मामले को लेकर माहौल बहुत सांप्रदायिक हो गया है। कठुआ रेप केस मामले में पीड़िता के पिता की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर सरकार को नोटिस जारी कर इस ममले में जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा की मांग की। साथ ही कोर्ट से पीड़ित परिवार ने यह मांग की कि मामले की सुनवाई चंडीगढ़ में हो।
मामले में पीड़ित परिवार सीबीआई जांच नहीं चाहता। इससे पहले कठुआ रेप और मर्डर कांड में जिला और सेशन कोर्ट कोर्ट ने कहा है कि चार्जशीट की कॉपी सभी आरोपियों को दी जाए। इस मामले की अगली सुनवाई अब 28 अप्रैल को होगी। इस मामले में 8 लोगों को आरोपी बनाया गया है। आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल है जिसकी पेशी 24 अप्रैल को तय हुई है। सुबह 10 बजे आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा पेश किया जाएगा। इस कांड के आरोपी हैं सांझी राम, दीपक खजूरिया, सुरिंद्र वर्मा, विशाल जंगोत्रा, तिलक राज, आनंद दत्ता और परवेश कुमार। इन्हें प्रधान एवं सत्र न्यायाधीश के सामने पेश किया जाएगा।
क्या है मामला?
जम्मू के कठुआ जिले के रहने वाले खानाबदोश बकरवाल मुस्लिम समुदाय की एक बच्ची बीते 10 जनवरी को अपने घर के पास से लापता हो गई थी। 17 जनवरी को उसी इलाके के जंगल में उसकी लाश मिली। मामले में क्राइम ब्रांच ने स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया। अभी तक दो पुलिस अधिकारियों सहित 8 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। क्राइम ब्रांच की चार्जशीट में कहा गया है कि पूर्व राजस्व अधिकारी संजी राम ने पुलिसकर्मियों को मामला दबाने के लिए 1.5 लाख रुपये की रिश्वत भी दी। इतना ही नहीं मामले को रफा दफा करने के लिए बीजेपी के विधायकों और वरिष्ठ मंत्रियों के अलावा महबूबा मुफ्ती सरकार पर भी दबाव डाला गया।
दरिंदगी की हद तक गए आरोपी
चार्जशीट में दरिंदगी की एक और बानगी दिखती है। इसके मुताबिक जब सभी आरोपी मासूम से बारी-बारी से रेप कर रहे थे, तब नाबालिग ने मेरठ में पढ़ने वाले अपने चचेरे भाई को फोन करके कहा कि अगर वह ‘मजा लूटना चाहता’ है तो आ जाए। इतना ही नहीं चार्जशीट के मुताबिक, बच्ची को मारने से ठीक पहले एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें कुछ देर के लिए रोका, क्योंकि वह अंतिम बार फिर से रेप करना चाहता था। इसके बाद दूसरों ने भी फिर से बच्ची का रेप किया।
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