दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी नेताओं को लामबंद करने में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में वह आज झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलेंगे और NCCSA अध्यादेश के विरोध में उनका समर्थन मांगेंगे। अरविंद केजरीवाल अब तक 8 दलों का समर्थन जुटा चुके हैं।
बताया जा रहा है कि केजरीवाल चाहते हैं कि केंद्र द्वारा लाए अध्यादेश के राज्यसभा में निरस्त करवा दिया जाए, जिससे वह कानून का रूप नहीं ले पाएगा। इसके बाद वह फिर से दिल्ली के बॉस बन जाएंगे और इसके लिए वह बीते 15 दिनों से कड़ी मशक्कत करते हुए नजर आ रहे हैं।
फिर से दिल्ली के बॉस बनना चाहते हैं
बताया जा रहा है कि केजरीवाल चाहते हैं कि केंद्र द्वारा लाए अध्यादेश के राज्यसभा में निरस्त करवा दिया जाए, जिससे वह कानून का रूप नहीं ले पाएगा। इसके बाद वह फिर से दिल्ली के बॉस बन जाएंगे और इसके लिए वह बीते 15 दिनों से कड़ी मशक्कत करते हुए नजर आ रहे हैं।
एमके स्टालिन के साथ साझा प्रेस वार्ता
वहीं, गुरुवार को केजरीवाल ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ साझा प्रेस वार्ता भी की। इस दौरान केजरीवाल ने कहा, ”हमने आज दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र के अध्यादेश पर चर्चा की। यह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने आश्वासन दिया है कि डीएमके AAP और दिल्ली के लोगों के साथ खड़ी रहेगी।
केजरीवाल ने कई दलों के नेताओं से मुलाकात की
विपक्षी दलों को लामबंद करने की इस कड़ी में केजरीवाल ने कई दलों के नेताओं से मुलाकात की है और दलों के नेताओं ने अध्यादेश के विरोध में केजरीवाल का साथ देने का वादा भी कर दिया है, लेकिन अभी तक कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। साथ ही केजरीवाल ने इसी मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से भी मिलने का समय मांगा है।