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आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अब राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। केजरीवाल ने गिरफ्तारी को वैध ठहराने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष याचिका का जिक्र करते हुए मामले पर जल्दी सुनवाई की गुहार लगाई। सिंघवी ने कहा कि यह अत्यावश्यक मामला है।
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यह मामला दिल्ली के मुख्यमंत्री के संबंध में है। उनकी गिरफ्तारी ऐसे दस्तावेज के आधार पर की गई है जिन दस्तावेज पर भरोसा नहीं किया गया है और वह दस्तावेज उसने छिपाया भी गया है। केजरीवाल की याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई नहीं हुई क्योंकि कोर्ट ने सुनवाई के लिए कोई पीठ तय नहीं की। बुधवार को सुनवाई न होने से अब मामला चार दिन के लिए टल गया है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में चार दिन की छुट्टी है, ऐसे में याचिका पर सुनवाई की सबसे नजदीकी तारीख भी सोमवार से पहले नहीं हो सकती है। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार नौ अप्रैल को केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध ठहराते हुए उनकी गिरफ्तारी और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की रिमांड को वैध ठहराया था।
हाई कोर्ट ने केजरीवाल की ओर से ईडी की जांच और गिरफ्तारी पर उठाए गए सवालों को खारिज करते हुए आदेश में कहा था कि यह तय करना आरोपित का काम नहीं है कि जांच कैसे की जानी है, सीएम सहित किसी के लिए कोई विशेषाधिकार नहीं हो सकता। हाई कोर्ट ने राजनीति से प्रेरित कार्रवाई की दलीलें भी नकार दी थीं और ईडी द्वारा बार बार सम्मन भेजे जाने के बावजूद केजरीवाल के जांच में सहयोग न करने की बात भी कही थी। हाई कोर्ट का फैसला मंगलवार की शाम तीन बजे के बाद आया और केजरीवाल के वकीलों ने आनन फानन में बुधवार की सुबह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कर हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दे दी।