भारत में हो रहे वनडे वर्ल्डकप 2023 को लेकर एक बार फिर से खालिस्तान ने धमकी जारी की है। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा है कि 19 नवंबर को वनडे वर्ल्डकप 2023 के दिन कोई भी सिख फ्लाइट से सफर न करे।
वीडियो के जरिये दी धमकी
पन्नू ने वीडियो के जरिये 19 नवंबर को एयर इंडिया से ट्रैवल करने की प्लानिंग कर रहे लोगों को धमकी दी है। और कहा कि अगर ऐसा किया तो उनकी जान का खतरा होगा। खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने कहा कि यह वही दिन है, जिस दिन क्रिकेट विश्व कप का फाइनल मैच होगा। बता दे कि इससे पहले भी इस आतंकवादी ने टेरर अटैक की धमकी दी थी। इन आतंकी ने वनडे वर्ल्डकप 2023 के उद्घाटन मैच को लेकर भी ऐसी ही बात कही थी।
सिख फॉर जस्टिस वॉटरमार्क वाले एक वीडियो में पन्नू को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि हम सिख समुदाय से एयर इंडिया पर यात्रा करने से परहेज करने का आग्रह करते हैं। 19 नवंबर को वैश्विक नाकाबंदी के हिस्से के रूप में, हम एयर इंडिया को संचालित करने की अनुमति नहीं देंगे। हम सिख समुदाय के सभी सदस्यों को सलाह देते हैं कि वे 19 नवंबर से एयर इंडिया की सेवाओं का उपयोग न करें क्योंकि इससे आपके जीवन को खतरा हो सकता है। साथ ही पन्नू ने आगे दावा किया कि दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट 19 नवंबर को बंद रहेगा और इसका नाम बदल दिया जाएगा।
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू
गुरपतवंत सिंह पन्नू का जन्म पंजाब में हुआ था। पन्नू की पढ़ाई भी यहीं से हुई। फिलहाल विदेश में हैं। वह कभी कनाडा तो कभी अमेरिका में रहता हैं। भारत में बाहर से आतंकी हमले करने की धमकी देता है। कनाडा में बसे हिंदुओं को धमकाता रहता है। और ये सब वो खुलेआम करता है। गुरपतवंत सिंह पन्नू का जन्म 14 फरवरी 1967 को हुआ था। पन्नू के पिता पंजाब की एक कंपनी में काम करते थे। उनका एक भाई भी है, जो विदेश में रहता है. उसके माता-पिता मर चुके हैं। बता दे कि गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से कानून की पढ़ाई की है। वह फिलहाल अमेरिका में वकालत कर रहे हैं। पन्नू ने 2007 में 'सिख फॉर जस्टिस' संगठन बनाया था। जुलाई 2020 में भारत ने पन्नू को आतंकवादी घोषित किया था। पन्नू आईएसआई की मदद से खालिस्तान अभियान चला रहा है।
भारत का वांटेड आतंकी है पन्नू
गुरपतवंत सिंह पन्नू भारत का वांटेड आतंकी है। पूरे देशभर में उसके खिलाफ 16 केस दर्ज हैं दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड में खालिस्तानी मूवमेंट को लेकर उस पर ये केस दर्ज किए गए हैं।