Manipur Violence: ‘...आपकी चुप्पी लोगों के जले पर नमक छिड़क रही’, कांग्रेस अध्यक्ष ने PM मोदी को घेरा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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Manipur Violence: ‘…आपकी चुप्पी लोगों के जले पर नमक छिड़क रही’, कांग्रेस अध्यक्ष ने PM मोदी को घेरा

केंद्र द्वारा शनिवार को मणिपुर के लिए राज्यपाल अनुसुइया उइके की अध्यक्षता में एक शांति समिति के गठन की घोषणा के बाद कांग्रेस ने राज्य में हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अडिग चुप्पी पर सवाल उठाया और कहा कि यह लोगों के घावों पर नमक छिड़क रही है।

केंद्र द्वारा शनिवार को मणिपुर के लिए राज्यपाल अनुसुइया उइके की अध्यक्षता में एक शांति समिति के गठन की घोषणा के बाद कांग्रेस ने राज्य में हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अडिग चुप्पी पर सवाल उठाया और कहा कि यह लोगों के घावों पर नमक छिड़क रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा, नरेंद्र मोदी जी, 3 मई 2023 को मणिपुर में सबसे पहले हिंसा भड़की। आपको केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) को राज्य भेजने में लगभग एक महीना लग गया। गृह मंत्री के जाने के आठ दिन बाद भी मणिपुर में हिंसा जारी है। पूर्वोत्तर भारत के लिए तथाकथित एक्ट ईस्ट नीति के समर्थक के नाते मणिपुर में हिंसा पर आपकी अडिग चुप्पी लोगों के घावों पर नमक छिड़कने जैसी है। प्रधानमंत्री के रूप में कम से कम आप शांति की अपील तो कर सकते थे। आपने मणिपुर को धोखा दिया है।
इससे कुछ ही देर पहले गृह मंत्रालय ने यहां कहा था कि सरकार ने मणिपुर के राज्यपाल की अध्यक्षता में मणिपुर में एक शांति समिति का गठन किया है। इसने आगे कहा कि शांति समिति के अध्यक्ष के रूप में मणिपुर के राज्यपाल के अलावा, अन्य सदस्यों में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के कुछ मंत्री, सांसद, विधायक और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, पूर्व सिविल सेवक, शिक्षाविद्, साहित्यकार, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न जातीय समूहों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा कि समिति का काम राज्य के विभिन्न जातीय समूहों के बीच शांति प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए शांतिपूर्ण वार्ता और परस्पर विरोधी दलों या समूहों के बीच बातचीत तथा शांति बहाली के अन्य प्रयास करने का होगा।समिति को सामाजिक एकजुटता, आपसी समझ को मजबूत करना चाहिए और विभिन्न जातीय समूहों के बीच सौहार्दपूर्ण संचार की सुविधा प्रदान करनी चाहिए। मणिपुर में 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 105 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 40,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

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