भाजपा सांसद सौमित्र खान द्वारा बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर केके की मौत की केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने की अपील करने तथा उनके पार्टी सहयोगी दिलीप घोष द्वारा ‘ उनकी हत्या की साजिश रचे जाने’ का आरोप लगाये जाने के साथ ही बॉलीवुड गायक कृष्णकुमार कुन्नाथ (के के) के निधन पर पश्चिम बंगाल की राजनीति में दूसरे दिन भी उबाल आया रहा। इन आरोपों पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया जतायी। उसने इसे भाजपा की ‘गिद्ध राजनीति’ करार देते हुए उससे मौत का राजनीतिकरण नहीं करने का अनुरोध किया।
के. के. पोस्टमार्टम की प्राथमिक रिपोर्ट में किसी गड़बड़ी से इनकार किया गया
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को बताया था कि के. के. के पोस्टमार्टम की प्राथमिक रिपोर्ट में किसी गड़बड़ी से इनकार किया गया है और उनकी मौत की वजह हृदय गति का रूकना बताया गया है।रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गायक को ‘लंबे समय से हृदय संबंधी परेशानियां थीं। यहां 31 मई को एक संगीत कार्यक्रम के बाद के. के. की मृत्यु हो गयी थी। खान ने कहा, ‘‘ मैंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है और किसी केंद्रीय एजेंसी से निष्पक्ष जांच की मांग की है। हमें राज्य की पुलिस पर भरोसा नहीं है। इस मामले की, पुलिस एवं आयोजकों की भूमिका की जांच की जरूरत है।’’
दिलीप घोष ने आरोप लगाया
उन्होंने अपने ट्विटर एकाउंट पर इस पत्र की प्रति भी डाली। भाजपा उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया, ‘‘ के. के. की मृत्यु साजिश है। यह हत्या है। एक व्यक्ति प्रदर्शन करने बंगाल आया और मर गया। अमित शाह ने एक बार कहा था कि यदि आप बंगाल जायेंगे, आप मर जायेंगे। यह कोई कॉलेज कार्यक्रम नहीं था। यह तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम था। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ सभागार में क्षमता से अधिक लोग थे। वह ठीक नहीं महसूस कर रहे थे लेकिन उन्हें सभागार में एक के बाद एक गाना गाने के लिए बाध्य किया गया। वह वहां से जाना चाहते थे लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाये। क्या यह उन्हें मार डालने की साजिश नहीं थी? क्या यह हत्या नहीं है?’’
तापस राय ने इन आरोपों को ‘ बेबुनियाद’ करार दिया
वरिष्ठ तृणमूल नेता एवं विधायक तापस राय ने इन आरोपों को ‘ बेबुनियाद’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसा जान पड़ता है कि खान एवं घोष कुंठित हो गये हैं। अपनी ही पार्टी में घिर जाने के बाद वे अब कुछ नंबर बनाना चाहते हैं। पोस्टमार्टम में किसी गड़बड़ी से इनकार किया गया है और संकेत दिया गया है कि हृदय गति रूक जाने से उनकी मृत्यु हुई।’’ तृणमूल महासचिव कुणाल घोष ने कहा, ‘‘ वे (भाजपा नेता) एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना का राजनीतिकरण करने की चेष्टा कर रहे हैं। वह पेशेवर गायक थे और कार्यक्रम के बाद बीमार पड़ गये। उन्हें (भाजपा नेताओं को) ऐसी गिद्ध राजनीति बंद कर देनी चाहिए। ’’