भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का आज 88वां जन्मदिन हैं। मनमोहन सिंह शांत स्वभाव और सादगी की मिशाल है। न सिर्फ सादगी बल्कि उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था को रफ़्तार देने के लिए जाना जाता है। मनमोहन सिंह यूपीए के कार्यकाल में दो बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं। वह 2004-2014 के बीच भारत के प्रधानमंत्री रहे। प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्हें 1991 में नरसिम्हा राव सरकार में आर्थिक सुधारों के लिए काफी जाना जाता था।
वह पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के वित्त मंत्री थे। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री बनने से पहले ही देश की आर्थिक व्यवस्था को एक नई और मजबूत राह दिखाई। यही वजह है कि देश उन्हें एक अर्थशास्त्री के रूप में ज्यादा याद करता है। तो चलिए पूर्व पीएम के जन्मदिन पर आपको बताते हैं उनसे जुडी ख़ास बातें।
मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अध्ययन के साथ ही ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी।
मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय के साथ-साथ दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाया है। कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह 1985 से 1987 तक योजना आयोग के प्रमुख भी रह चुके हैं। इसके साथ ही वह इससे पहले 1972 और 1976 के बीच मुख्य आर्थिक सलाहकार सहित कई प्रमुख पदों पर कार्य किया है। मनमोहन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव की सरकार में बतौर वित्त मंत्री काम किया। इस दौरान वित्तीय बजट पेश करते हुए उन्होंने 1991-95 के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को एक नई और मजबूत राह दी।
मनमोहन सिंह ने 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में भी कार्य किया। उन्होंने ने 1998 से 2004 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया। इसके बाद मनमोहन सिंह ने यूपीए के नेतृत्व में अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार को हराने के बाद 2004 से 2014 के बीच भारत के 13 वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के कार्यकाल के दौरान विदेश व्यापार उदारीकरण, वित्तीय उदारीकरण, कर सुधार और विदेशी निवेश का रास्ते जैसे अहम फैसले लिए। उनके इन फैसलों ने अर्थव्यवस्था को ना सिर्फ नई गति दी बल्कि मजबूती भी प्रदान की। वित्त मंत्री के तौर पर मनमोहन सिंह ने कई अहम फैसले लिए। खास तौर पर ऐसे निमयों में बदलाव लाए जिनकी वजह से अर्थव्यवस्था की गति धीमी पड़ रही थी, उन्हें तेजी मिले। इसके साथ ही उन्होंने भारत को दुनिया के बाजार के लिए भी खोला। इसके साथ ही देश में आर्थिक क्रांति और ग्लोबलाइजेशन की शुरुआत का श्रेय भी मनमोहन सिंह को ही जाता है।
बतौर प्रधानमंत्री बनते ही उन्होंने रोजगार के क्षेत्र में बड़ा फैलसा लिया और मनरेगा के जरिए ऐतिहासिक कदम उठाया। हर हाथ को काम देने की उनकी सोच ने लोगों के घरों में चूल्हे जलाने में बड़ी अहम भूमिका निभाई। जिससे देश अंदर से सशक्त हो सके।